New Delhi: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन ताकत के बिना शांति सिर्फ एक काल्पनिक विचार है।
CDS चौहान का चीन और पाकिस्तान को चेतावनी
जनरल चौहान ने इस मौके पर भारत की नई रक्षा प्रणाली सुदर्शन चक्र के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भारत के सैन्य, नागरिक और राष्ट्रीय स्थलों की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। इसके अलावा, सुदर्शन चक्र को भारत की रक्षा रणनीति में एक अहम बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में हमारे सामरिक बल को बढ़ावा देगा।
‘ताकत के बिना शांति केवल एक कल्पना है’- जनरल चौहान ने यह बात स्पष्ट रूप से कही और यह भी जोड़ा कि शांति के लिए सिर्फ इच्छाशक्ति पर्याप्त नहीं, बल्कि इसके साथ-साथ रणनीतिक ताकत और तैयारियां भी जरूरी हैं। उनका कहना था कि ‘अगर शांति चाहते हो तो युद्ध के लिए तैयार रहो’- यह एक लैटिन कहावत है, जिसका भारत अपनी सुरक्षा नीति में पालन करता है।
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ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले CDS?
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जनरल चौहान ने बताया कि यह एक आधुनिक संघर्ष था, जिसे भारत ने सफलतापूर्वक चलाया। ऑपरेशन के दौरान कई अहम सीख मिलीं और कुछ सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं, जबकि कुछ पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, लेकिन इस सेमिनार का उद्देश्य ऑपरेशन के बारे में चर्चा करना नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है।
सुदर्शन चक्र की भूमिका
सुदर्शन चक्र की कार्यप्रणाली पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को इस प्रणाली का जिक्र किया था और उम्मीद जताई थी कि 2035 तक यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। यह रक्षा प्रणाली भारत के महत्वपूर्ण सैन्य, नागरिक और राष्ट्रीय स्थलों की सुरक्षा में सहायक साबित होगी। जनरल चौहान ने कहा कि सुदर्शन चक्र न केवल भारत की सुरक्षा को मज़बूती देगा, बल्कि यह भारतीय सेना के सामरिक दृष्टिकोण को भी नया आकार प्रदान करेगा।
जनरल चौहान का यह बयान चीन और पाकिस्तान के साथ साथ अन्य देशों को भी भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक ताकत के बारे में एक स्पष्ट संदेश देता है। भारत के रक्षा क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों से न केवल सैनिक तैयारियों को बल मिलेगा, बल्कि देश की सुरक्षा में भी एक नई स्थिरता आएगी।