New Delhi: उच्च रक्तचाप को अक्सर हृदय और गुर्दे की बीमारियों से जोड़ा जाता है, लेकिन कई शोधों से यह साबित होता है कि इसका सीधा असर लिवर पर भी पड़ सकता है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप लिवर की रक्त वाहिकाओं को कमज़ोर कर देता है, जिससे फैटी लिवर और लिवर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ रक्तचाप के रोगियों को समय-समय पर लिवर की जाँच करवाने की सलाह देते हैं।
लिवर खराब होने के 5 प्रमुख लक्षण
1. पेट और पैरों में सूजन
अगर लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है। इससे पेट फूलने लगता है और पैरों में सूजन आ सकती है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में यह समस्या और बढ़ सकती है।
2. लगातार थकान और कमज़ोरी
लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। लेकिन जब लिवर खराब हो जाता है, तो विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे शरीर में थकान, कमज़ोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
3. आँखों और त्वचा का पीला पड़ना
लिवर खराब होने के कारण बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है। इससे आँखों का सफेद भाग और त्वचा पीली पड़ सकती है। इसे पीलिया का लक्षण भी माना जाता है।
4. भूख न लगना और वज़न कम होना
अगर आपको उच्च रक्तचाप के साथ भूख न लगना, उल्टी आना या वज़न कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह लिवर खराब होने का संकेत हो सकता है।
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5. पेशाब और मल के रंग में बदलाव
अगर लिवर ठीक से काम नहीं करता है, तो पेशाब का रंग गहरा और मल का रंग हल्का हो सकता है। यह स्थिति लिवर की खराब कार्यप्रणाली का संकेत देती है।
यह खतरनाक क्यों है?
लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो मेटाबॉलिज़्म से लेकर डिटॉक्सिफिकेशन तक कई काम करता है। अगर उच्च रक्तचाप के साथ लिवर खराब हो जाए, तो शरीर में गंभीर जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं। यही वजह है कि डॉक्टर इन दोनों स्थितियों को नज़रअंदाज़ न करने की सलाह देते हैं।
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निवारक उपाय
- नमक और तैलीय भोजन कम करें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें
- समय-समय पर अपने लिवर और रक्तचाप की जाँच करवाएँ
- पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाएँ