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आस्था और आभार की अनोखी कावड़ यात्रा: नशामुक्ति के लिए श्रद्धालु की पहल

हरिद्वार में कावड़ यात्रा के दौरान एक श्रद्धालु की अनोखी पहल देखने को मिली है, जो सभी को हैरान कर रही है। जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
Post Published By: Tanya Chand
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आस्था और आभार की अनोखी कावड़ यात्रा: नशामुक्ति के लिए श्रद्धालु की पहल

Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार की पवित्र धरती पर एक अनोखी और प्रेरणादायक पहल तब देखने को मिली, जब हरियाणा के सफीदों गांव निवासी रविंद्र तोमर एक देसी झोटा-बोगी के साथ पैदल कांवड़ यात्रा करते हुए हरिद्वार पहुंचे। उनका उद्देश्य धार्मिक होने के साथ-साथ सामाजिक सरोकार से भी जुड़ा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक रविंद्र तोमर ने यह यात्रा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के उस ऐतिहासिक निर्णय पर आभार प्रकट करने के लिए की है, जिसमें राज्य में 700 शराब के ठेकों को बंद किया गया है।

बता दें कि रविंद्र तोमर ने गंगाजल भरकर उसे चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास तक ले जाने का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि वह यह जल मुख्यमंत्री को समर्पित कर उनके निर्णय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री सैनी का यह कदम समाज को एक नई दिशा देगा और हरियाणा को नशामुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

नशा को लेकर तोमर का बड़ा बयान
तोमर ने कहा कि नशा समाज को अंदर से खोखला कर देता है। युवा पीढ़ी को इससे बाहर निकालना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री सैनी ने जो साहसिक फैसला लिया है, उससे लाखों परिवारों की ज़िंदगी सुधर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि वह देसी झोटा-बोगी से यात्रा इसलिए कर रहे हैं ताकि भारतीय पारंपरिक जीवनशैली का प्रचार हो और लोगों को देसी उत्पादों जैसे देसी घी, दूध और प्राकृतिक खानपान की ओर लौटने की प्रेरणा मिले।

कावड़ यात्रा बनी सामाजिक जागरूकता का प्रतीक
उनकी यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक जागरूकता का संदेश भी है। तोमर चाहते हैं कि समाज में नशे के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन चले और लोग शुद्ध जीवनशैली अपनाकर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनें। गंगाजल के माध्यम से आभार प्रकट करना एक ऐसा सांकेतिक संदेश है जो आस्था और सामाजिक बदलाव को जोड़ता है।

हरिद्वार से रवाना होकर चंडीगढ़ तक की यह यात्रा निश्चित ही लोगों को सोचने पर मजबूर करेगी कि नशामुक्त समाज की दिशा में हर व्यक्ति का योगदान कितना महत्वपूर्ण है। रविंद्र तोमर की यह पहल आने वाले समय में अन्य राज्यों और लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।

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