Raebareli: रायबरेली में भारत विकास परिषद ने सामाजिक सेवा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। परिषद द्वारा संचालित सेवा कार्यक्रमों की श्रृंखला में बालिकाओं की स्वच्छता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए राइजिंग चाइल्ड स्कूल और दयावती मोदी पब्लिक स्कूल में निःशुल्क सेनेटरी पैड मशीनें स्थापित की गईं।
आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की पहल
इस कार्यक्रम का आयोजन समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया। परिषद के अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत विकास परिषद सदैव समाज के उत्थान के लिए कार्यरत है और यह पहल बालिकाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में बालिकाओं को स्वच्छता संबंधी आवश्यकताओं के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है, ताकि वे आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बन सकें।
समाज में व्यावहारिक बदलाव
कार्यक्रम में परिषद के पूर्व क्षेत्रीय संरक्षक डॉ. आर. बी. श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह की मशीनें अन्य विद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर भी आवश्यकता के अनुसार निःशुल्क लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद का लक्ष्य केवल शिक्षा और स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में व्यावहारिक बदलाव लाना है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सेवा संयोजक अम्बरीष अग्रवाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष नवल किशोर बाजपेयी, सचिव अजय त्रिवेदी, नीतू चतुर्वेदी, निशा सिंह, शाखा सेवा संयोजक राजा राम मौर्य, चंद्र प्रकाश सिंह, रवींद्र नाथ हरी, स्नेहलता श्रीवास्तव और शिव कुमार गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने कहा कि भारत विकास परिषद हमेशा समाज के सर्वांगीण विकास और मानवीय मूल्यों के उत्थान के लिए कार्य करती है। बालिकाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी यह पहल उसी दिशा में एक अहम कदम है, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाएगी।
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कार्यक्रम का संचालन और संयोजन सीमा श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में संयोजिका निक्की पोपली ने सभी अतिथियों और परिषद सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन में एकता मेहरोत्रा, शिखा श्रीवास्तव, प्रेरणा श्रीवास्तव, और बबिता रुपेनवार का सहयोग विशेष रूप से सराहनीय रहा।
भारत विकास परिषद की यह पहल बालिकाओं के जीवन में स्वच्छता और गरिमा की भावना को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज को एक सकारात्मक संदेश देती है।

