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रायबरेली में हुई बरसात के गिरा कच्चा मकान, बुजुर्ग ने रो-रोकर लगाई मदद की गुहार

रायबरेली  से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां भारी बारिश के चलते एक  वृद्ध गरीब का आशियाना गिर गया।। मलबे के नीचे दबी अनाज व गृहस्थी के कारण अब बुजुर्ग का जीवन मुश्किल भरा हो गया है। पढिये पूरी खबर
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रायबरेली में हुई बरसात के गिरा कच्चा मकान, बुजुर्ग ने रो-रोकर लगाई मदद की गुहार

रायबरेली:  उत्तर प्रदेश के रायबरेली  से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां भारी बारिश के चलते एक  वृद्ध गरीब का आशियाना गिर गया।। मलबे के नीचे दबी अनाज व गृहस्थी के कारण अब बुजुर्ग का जीवन मुश्किल भरा हो गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बछरावां विकास क्षेत्र के अंतर्गत शेखपुर समोधा गांव में बीते रविवार की रात हो रही भारी बारिश के चलते एक वृद्ध गरीब का आशियाना ढह गया। जिसके मलबे में अनाज व गृहस्थी का समान दबा कर बर्बाद हो गया।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार स्थानीय गांव निवासी घनश्याम साहू पुत्र स्वर्गीय रामभरोंसे उम्र 75 वर्ष ने बताया कि वह अपने पांच बच्चों के साथ इसी कच्चे मकान में रहते हैं। बीती रात हो रही भारी बारिश के चलते लगभग 1:00 बजे के आसपास जब वह बाहर छप्पर के नीचे लेटे थे, तभी उन्हे कुछ गिरने की आवाज आई, जब उन्होंने उठकर देखा तो उनके मकान की दीवाल व छत भर भरा कर गिर रही थी। इस दौरान वह अपने परिवार सहित घर से बाहर की ओर भागे और घर के बाहर बरामदे में बंधे जानवरों को भी उन्होंने मुक्त कर दिया। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि उनका मकान गिरने से मलबे के नीचे अनाज, साइकिल, जानवरों का चारा और अन्य गृहस्थी का सामान दबकर बर्बाद हो गया है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है हमारी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए हमें सहायता प्रदान की जाए।

पीड़ित ने रो-रोकर न्याय की लगाई गुहार 

वहीं जिले के महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के टूक गांव में देर रात से हो रही लगातार बारिश ने कहर बरपाया। तेज बारिश के चलते एक कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया। हादसे में एक व्यक्ति समेत सात बकरियां मलबे में दब गईं।स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी को मलबे से बाहर निकाला। इस हादसे के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पात्रता सूची में नाम होने के बावजूद उन्हें अब तक सरकारी आवास का लाभ नहीं मिला। मजबूरी में परिवार कच्चे मकान में रह रहा था। पीड़ित ने रो-रोकर न्याय की गुहार लगाई और प्रशासन से मदद की मांग की। गांववालों का कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस पर ध्यान देना चाहिए था। अगर समय रहते पक्का मकान मिल जाता तो आज यह हादसा टल सकता था।

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