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Gorakhpur News: खजनी में खनन माफिया का तांडव, पुलिस की मिलीभगत से कानून व्यवस्था ध्वस्त, प्रशासन मौन!

खजनी क्षेत्र में कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर माफिया दिनदहाड़े ही नहीं, बल्कि रात के अंधेरे में मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Gorakhpur News: खजनी में खनन माफिया का तांडव, पुलिस की मिलीभगत से कानून व्यवस्था ध्वस्त, प्रशासन मौन!

गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर के खजनी क्षेत्र में इन दिनों खनन माफिया का राज चरम पर है। कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर माफिया दिनदहाड़े ही नहीं, बल्कि रात के अंधेरे में भी जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर के जरिए मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, खास की बात यह है कि इस खुलेआम हो रहे गैरकानूनी कृत्य पर न तो पुलिस अंकुश लगा पा रही है और न ही प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है। उल्टे पुलिस पर माफियाओं को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।

राजस्व विभाग की टीम ने की छापेमारी

गौरतलब है कि शनिवार देर रात, खजनी के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राजेश प्रताप सिंह के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान चार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ जेसीबी मशीनें अवैध खनन में लिप्त पकड़ी गईं। जिसके बाद, टीम ने इन वाहनों को तुरंत खजनी थाने भिजवाने का आदेश दिया।

जानिए क्या है असली खेल?

हैरानी की बात ये कि थाने पहुंचने से पहले ही ट्रैक्टर-ट्रॉली हवा में गायब हो गई! बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली थाने पहुंचने से पहले ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गईं। सूत्रों के अनुसार, रास्ते में ही खनन माफिया के गुर्गों ने मोटी रकम का सौदा कर वाहन छुड़ा लिए। जिसके बाद, अब सवाल यह उठता है कि जब टीम ने खुद ट्रैक्टरों को थाने भेजने का निर्देश दिया था, तो वे बीच रास्ते में कैसे गायब हो गईं?

ट्रैक्टर गए कहां?

जब इस मुद्दे पर एसडीएम राजेश प्रताप सिंह से सवाल किया गया, तो उनका जवाब था कि “वाहनों को थाने भेजा गया है।” वहीं खजनी थानाध्यक्ष (एसएचओ) अर्चना सिंह ने साफ इंकार करते हुए कहा कि थाने में खनन से जुड़ी कोई भी गाड़ी नहीं पहुंची। तो सवाल ये है कि ट्रैक्टर गए तो गए कहां?

इस पूरे मामले ने पुलिस और खनन माफिया की सांठगांठ को सामने लाकर खड़ा कर दिया है। हल्का सिपाही अशोक यादव और राहुल गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है, जो कथित तौर पर ट्रैक्टरों को लेकर घटनास्थल से निकले थे।

क्या कोई कार्रवाई होगी?

खजनी में लगातार बढ़ते अवैध खनन और पुलिस की भूमिका पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। अब सबकी नजरें जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं। सवाल उठता है कि क्या इस खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा या फिर मामला किसी ‘डील’ के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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