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बाराबंकी में बाढ़ की दहशत: सरयू का बढ़ता जलस्तर चेतावनी निशान के करीब, प्रशासन अलर्ट

सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए चेतावनी बिंदु के बेहद करीब पहुंच गया है, जिससे तराई क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी का जलस्तर 106.040 मीटर पर पहुंच चुका है, जबकि चेतावनी स्तर 106.070 मीटर है। नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। रामनगर, सिरौलीगौसपुर व रामसनेहीघाट की आबादी फिलहाल दहशत और इंतजार के बीच फंसी है।
बाराबंकी में बाढ़ की दहशत: सरयू का बढ़ता जलस्तर चेतावनी निशान के करीब, प्रशासन अलर्ट

Barabanki News:  काफी उतार-चढ़ाव के बाद सरयू नदी ने आखिरकार अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बीते कुछ दिनों से स्थिर दिखाई दे रही नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ा है और अब यह चेतावनी बिंदु से महज कुछ इंच नीचे रह गया है। इससे तराई क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों की नजरें अब सरयू के हर बढ़ते इंच पर टिकी हुई हैं।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरयू नदी का चेतावनी बिंदु 106.070 मीटर है, जबकि शनिवार को नदी का जलस्तर 106.040 मीटर दर्ज किया गया। यानी चेतावनी स्तर पार करने में महज 3 सेंटीमीटर की दूरी बाकी रह गई है। हालांकि फिलहाल जलस्तर स्थिर बताया जा रहा है, लेकिन क्षेत्रीय लोगों में डर कम होता नजर नहीं आ रहा।

रात आंखों में, दिन नदी की ओर

सरयू का यह उतार-चढ़ाव कोई नया नहीं है, लेकिन हर साल की तरह इस बार भी यह लोगों के लिए चिंता और डर का कारण बना हुआ है। दिन भर ग्रामीणों की भीड़ नदी के किनारे और पुलों पर नज़र आती है, जहां लोग बढ़ते जलस्तर को अपनी आंखों से नापने की कोशिश करते हैं। वहीं, रातें बेचैनी में कट रही हैं- नींद नहीं, सिर्फ इंतज़ार है।

नेपाल के बैराज से छोड़ा गया पानी बढ़ाएगा संकट

स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की चिंता इस बात को लेकर भी है कि पड़ोसी देश नेपाल के तीन बड़े बैराजों से यदि अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऐसे में बिना किसी चेतावनी के नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ सकता है, जिससे गांवों में पानी घुसना तय माना जा रहा है।

तीन तहसीलों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसीलों के सरयू किनारे बसे गांवों पर बाढ़ का सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है। इन क्षेत्रों में लाखों की आबादी अभी किसी ठोस राहत योजना से दूर केवल नसीब के सहारे टिकी है। फिलहाल कोई बड़ा राहत कैंप या बचाव दल सक्रिय नहीं दिख रहा।

पुल से दिखा सरयू का विकराल रूप

स्थानीय लोगों के अनुसार, सरयू पर बने पुल से बहते पानी की धारा को देखकर ही नदी की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पानी की रफ्तार और फैलाव बता रहा है कि यदि डेंजर लेवल पार हुआ तो गांवों में घुसपैठ महज कुछ घंटों की बात होगी।

प्रशासन अलर्ट पर, पर तैयारी सवालों के घेरे में

बाढ़ नियंत्रण विभाग भले ही जलस्तर को लेकर ‘स्थिर’ का दावा कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। अब तक बचाव की कोई बड़ी तैयारी शुरू नहीं हुई है। नाव, राहत सामग्री, सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था जैसी जरूरी चीजें नदारद हैं। लोग दुआ कर रहे हैं कि जलस्तर और न बढ़े, क्योंकि एक बार डेंजर लेवल पार होते ही हालात बेकाबू हो सकते हैं। प्रशासन की ओर से सतर्कता की अपील की गई है, लेकिन ग्रामीणों को अब सिर्फ राहत और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का इंतजार है।

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