गंभीर मानसिक समस्याओं से मिल सकेगी निजात, जानिये सेंटर फॉर ब्रेन एंड माइंड के बारे में

डीएन ब्यूरो

नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) ने मंगलवार को ‘रोहिणी निलेकणी सेंटर फॉर ब्रेन एंड माइंड’ के लोकार्पण की घोषणा की जिसमें तंत्रिका तंत्र के विकास से जुड़े विकारों और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित भारतीय अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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बेंगलुरु: नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) ने मंगलवार को ‘रोहिणी निलेकणी सेंटर फॉर ब्रेन एंड माइंड’ के लोकार्पण की घोषणा की जिसमें तंत्रिका तंत्र के विकास से जुड़े विकारों और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित भारतीय अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस केंद्र में मस्तिष्क के विकास से जुड़े आसपास के माहौल और आनुवंशिक पहलुओं के दीर्घकालिक अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

‘रोहिणी निलेकणी फिलांथ्रॉपीज’ की अध्यक्ष रोहिणी निलेकणी ने यहां एनसीबीएस परिसर में केंद्र के उद्घाटन के मौके पर इसकी पट्टिका का अनावरण किया।

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एनसीबीएस ने एक बयान में कहा कि यह केंद्र ‘राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान’ (निमहंस) के साथ साझेदारी में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

इस मौके पर रोहिणी ने कहा कि भारत में बड़ी आबादी (लगभग 19.3 करोड़ लोग) मानसिक समस्याओं से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में रोगों के कुल मामलों में मानसिक विकारों का अनुपात 1990 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है और इस ओर तत्काल ध्यान देना जरूरी है।

निमहंस की निदेशक डॉ प्रतिमा मूर्ति ने कहा कि कैंसर जैसे शारीरिक रोगों की तुलना में मानसिक विकारों के लिए अनुसंधान सहयोग मिलना बड़ी चुनौती का काम है। उन्होंने कहा कि ‘रोहिणी निलेकणी फिलांथ्रॉपीज’ (आरएनपी) द्वारा ‘सेंटर फॉर ब्रेन एंड माइंड’ स्थापित करने के लिए निमहंस और एनसीबीएस दोनों संस्थानों को दिये गये अनुदान से इस दिशा में अनुसंधान को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘इससे हमें सित्जोफ्रेनिया, बाइपोलर मानसिक विकार और मनोभ्रंश सरीखी मानसिक समस्याओं के सामान्य और विशिष्ट जैविक (आनुवंशिक सहित) तथा मनो-सामाजिक आधारों पर और अध्ययन का अवसर मिलेगा। हमें उम्मीद है कि आरएनपी की मदद से, हम गंभीर मानसिक रोगों से पीड़ित लाखों लोगों को अंततः अधिक प्रभावी उपचार प्रदान करने में सक्षम होंगे।’’










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