Parenting Tips: माता-पिता के गलत व्यवहार व आदतों का बच्चों पर पड़ता है बुरा असर, इन टिप्स के साथ करें बच्चों की परवरिश

डीएन ब्यूरो

दुनिया के सभी माता-पिता आपने बच्चों को बहुत अच्छी परवरिश देना चाहते है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में कुछ खास टिप्स के साथ पढ़ें बच्चों की अच्छी परवरिश के तरीके

प्रतीकात्मक छवि
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नई दिल्ली: सबसे पहले माता-पिता ही आपने बच्चों को चलना, बोलना,बैठना आदि सिखाते है और उन्हें घर, परिवार, दुनिया के बारे में  बताते है। सभी अभिभावक आपने बच्चों को बहुत अच्छी परवरिश देना चाहते है। काफी हद तक कई माता-पिता इसमे सफल होते हैं तो वहीं कई लोग सफल हो जाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें जिंदगी भर होता है।  

माता-पिता के व्यवहार से सिखते हैं बच्चे

बच्चों की अच्छी और खराब परवरिश में माता-पिता के व्यवहार और आदत का बहुत बड़ा योगदान होता हैं। माता-पिता के व्यवहार, आदते और और रहने का तरीके से बच्चे काफी कुछ सिखते हैं।  बच्चों की परवरिश जिस प्रकार के वातावरण में होगी, बच्चे का जीवन भी उसी प्रकार का होगा अर्थात बच्चों की मानसिक स्थिति, स्वस्थ्य, आत्मसम्मान आदि सभी उनकी परवरिश पर ही निर्भर करता हैं। 

अपनी बुरी आदते सुधारे

माता-पिता बच्चों के सामने और साथ जैसा व्यवहार करते है बच्चे भी वैसा ही  व्यवहार करते है। इसलिए हमे बच्चों को टोकने से पहले अभिभावकों को अपनी बुरी आदते सुधारनी होगी। बच्चे हमारे साथ रहते है हम कब क्या करते है वो सब देखते है। उदाहरण के लिए हम अपने बड़े बुजुर्ग से कैसा व्यवहार करते है? हम कितनी देर टीवी या मोबाइल देखते है? सिगरेट या शराब पीते है? क्या कहते पिते है आदि? इसलिए माता-पिता को बच्चों के सामने हमेशा ही अच्छा और सही तरीके का आचरण रखना चाहिए।

बच्चों पर ज्यादा गुस्सा ना करें

बच्चों पर ज्यादा गुस्सा ना करें, समझने और समझाने से बच्चों के साथ हेल्दी रिलेशन बना रहता है। इसलिए बच्चों को भी बोलने का चांस देना चाहिए। अगर आप उसको बोलने का मौका देंगे तो वह भी आपको अच्छी तरह से सुनेगा और आपसे बाते भी शेयर करेगा। बच्चों को हेल्दी एन्वायरनमेंट देना बेहद जरूरी है। 

बच्चों की बात ध्यान से सुने

ये अक्सर देखा जाता है कि अगर बच्चों को अपनी कोई बात मनवानी है तो वो आर्ग्युमेंट करने लगता है। इससे उसे लगता है कि डेफिनेटली उसकी बात सुनी जाएगी और उस पर ध्यान दिया जाएगा। इसलिए, बच्चों की बात को ध्यान से सुनकर उनमें ये ट्रस्ट बिल्ड-अप कीजिए कि हां उनकी बात सुनी जाएगी। फिर जो सही है वो आप करे। 










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