Bangladesh Violence: हिंसा की आग में क्यों झुलसा बंग्लादेश? जानिये भारत पर असर और तख्तापलट के मायने

डीएन संवाददाता

बंग्लादेश में लंबे समय से चल रही हिंसा अब वहां के पीएम हाऊस तक पहुंच चुकी है। वहीं बंग्लादेश की पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की खबरें भी सामने आ रही है। इसी बीच वह भारत पहुंच चुकी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की यह खास रिपोर्ट

बंग्लादेश में हिंसा
बंग्लादेश में हिंसा


ढ़ाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों ने वहां विरोध प्रदर्शन शुरू किया। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही है। विवाद की वजह, वो 30 प्रतिशत आरक्षण बना, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिया जाता रहा है। सरकार अपने समर्थकों को आरक्षण देने के आरोप हैं। 

नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़  पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में 20 पुलिसकर्मियों समेत 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग घायल हैं। हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में हिंसा भड़काने में पाकिस्तान का भी हाथ है। बांग्लादेश की सिविल सोसायटी ने पाकिस्तान उच्चायोग पर कट्टरपंथी छात्र प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है। आरक्षण पर पीएम से इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी का रुख और उग्र होने लगा था। प्रदर्शनकारी सोमवार को ढ़ाका में पीएम हाउस के अंदर घुस आये। इससे पहले की शेख हसीना पीएम हाउस समेत बांग्लादेश छोड़ने को मजबूर हो गईं। पद से इस्तीफा देने के बाद वे भारत के लिये रवाना हो गई और सेना ने बांग्लादेश को अपने कब्जे में ले लिया। 

बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद छोड़ दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। देश में राजनीतिक उथलपुथल को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों से बात की गई। अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मिलकर अंतरिम सरकार बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने लोगों से शांति बनाये रखने की भी अपील की है।

शेख हसीना के पीएम पद और बांग्लादेश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी छात्र संगठन टस से मस नहीं हो रहे। उन्होंने साफ कर दिया कि उनको अंतरिम सरकार नहीं चाहिए। सत्ता को 'क्रांतिकारी छात्रों और नागरिकों' के हाथ में दिया जाना चाहिए। वे कोई और विकल्प नहीं मंजूर करेंगे। अब पूरे बांग्लादेश में सेना तैनात हो गई है।

बांग्लादेश में गहराते संकट पर भारत और अन्य देशों की नजर बनी हुई है। भारत ने बांग्लादेश की सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही कई बड़े फैसले लेने शुरू कर दिये हैं। बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ की तैनाती को बढ़ा दिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार भी स्थिति पर नजर ऱखे हुई। बांग्लादेश में नये राजनीतिक संकट के बाद दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है।










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