West Bengal: ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को दी बड़ी हिदायत, जानिए क्या बोलीं

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार एक फरवरी तक राज्य का बकाया नहीं चुकाती है तो वह दो फरवरी से धरने पर बैठेंगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी


बहरामपुर: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एक फरवरी तक राज्य का बकाया नहीं चुकाती है तो वह दो फरवरी से धरने पर बैठेंगी।

मालदा में एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम में बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और धन का भुगतान न होने से प्रभावित लोगों से धरने में भाग लेने का आग्रह किया। धरना कोलकाता के रेड रोड इलाके में बी आर आंबेडकर प्रतिमा के निकट दिया जाएगा।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसारउन्होंने कहा, ‘‘मैंने सारा बकाया चुकाने के लिए एक फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं दो फरवरी से धरने पर बैठूंगी। अगर बकाया नहीं चुकाया गया तो मुझे पता है कि इसे आंदोलन के जरिये कैसे हासिल किया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से धरने में भाग लेने का आग्रह करती हूं... मैं सभी का समर्थन चाहती हूं।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाई) सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई योजनाओं के मद में राज्य का 7,000 करोड़ रुपये बकाया है।

नयी दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टीएमसी सरकार पर जनता के पैसे को अपना पैसा मानने का आरोप लगाया।

मजूमदार ने आरोप लगाया, ''उनकी (टीएमसी) सरकार ने हर जगह जनता का पैसा लूटने की कोशिश की है। कैग की रिपोर्ट उनकी सरकार के चेहरे पर तमाचा है और घोटाले को उजागर करती है।''

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भाजपा के अनुसार, कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि तय समय के भीतर पूर्ण परियोजनाओं के लिए जमा किए जाने वाले 2.4 लाख से अधिक उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा दाखिल नहीं किए गए।

आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ''लोक लेखा समिति (पीएसी) के सदस्य प्रत्येक खाते को देखते हैं। उनसे पूछिये कि गरीबों को वंचित करके उन्होंने कितनी संपत्ति जमा की है।''










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