Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

राजनीतिक दलों के इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: राजनीतिक दलों के इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी चंदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ माना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में जानना या कुछ पूछना जनता का अधिकार है। मतदाताओं को इसकी जानकारी नहीं मिलती है, इसलिये इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की बैधता को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए ये बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार से पूछना जनता का कर्तव्य है। सूचना के अधिकार का हनन ठीक नहीं है।

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यह मामला राजनीतिक दलों को गुमनाम तरीके से चंदा देने की अनुमति वाले इलेक्टोरल बॉन्ड योजना से जुड़ा है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले साल 31 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू की थी।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस फैसले पर देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवी चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव बॉन्ड पर सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों के भले ही दो मत हैं लेकिन उनके निष्कर्ष एक हैं।










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