

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के किरौली गांव में होली के बाद देवी मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ जिले के किरौली (बेरीनाग) गांव में होली के बाद देवी मां की विशेष पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। इस अवसर पर ग्रामीण बड़ी धूमधाम से एकत्रित होकर देवी की आराधना करते हैं, जिससे गांव में समृद्धि और शांति का संचार होता है। यह पूजा मात्र धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि गांव के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।
देवभूमि उत्तराखंड, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में, होली के बाद देवी पूजा का विशेष महत्व है। यह परंपरा स्थानीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। किरौली गांव के निवासी इस परंपरा को जीवित रखते हुए सामूहिक सहभागिता से त्योहार को मनाते हैं।
इस साल भी गांव के लोग एकत्रित हुए और देवी मां की भव्य आराधना की। पूजा के दौरान भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने हर्षोल्लास से भाग लिया। इस मौके पर विशेष रूप से तैयार प्रसाद का वितरण किया गया।
पूजा समारोह में न केवल बड़े, बल्कि बच्चे भी सक्रियता से भाग लेते हैं। किरौली गांव की देवी पूजा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह क्षेत्र की परंपराओं, आस्थाओं और सामाजिक संबंधों का खजाना भी है। ग्रामीणों का मानना है कि इस पूजा से गांव में सुख-समृद्धि और शांति का माहौल बना रहता है। देवी मां की कृपा से उनके घरों में खुशहाली बनी रहती है।