Delhi: एमसीडी सदन में केजरीवाल के आवास के सौंदर्यीकरण को लेकर हंगामा, पढ़िये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सौंदर्यीकरण के मुद्दे पर हंगामे के बीच 60 फीट चौड़ी सड़कों की साफ-सफाई और नालियों से गाद निकालने की सेवा एमसीडी से लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को हस्तांतरित करने सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

एमसीडी सदन में हंगामा
एमसीडी सदन में हंगामा


नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सौंदर्यीकरण के मुद्दे पर हंगामे के बीच 60 फीट चौड़ी सड़कों की साफ-सफाई और नालियों से गाद निकालने की सेवा एमसीडी से लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को हस्तांतरित करने सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि महापौर शैली ओबरॉय ने एमसीडी की बैठक ‘असंवैधानिक’ तरीके से बुलाई और कार्यवाही रद्द करने की मांग की।

एमसीडी सदन में मंगलवार को पारित प्रस्तावों में 60 फीट चौड़ी सड़क के किनारे सफार्इ, झाडू लगाने, फुटपाथ की धुलाई और किनारे की नालियों की गाद निकालने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को देना भी शामिल है जो अबतक एमसीडी के पास थी।

भाजपा ने प्रस्तावों का विरोध किया और आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) की मंशा एमसीडी को दिल्ली सरकार के एक विभाग में तब्दील करने की है।

प्रस्ताव को सदन में बिना किसी चर्चा के कुछ मिनटों में पारित कर दिया गया।

निर्धारित समय अपराह्न दो बजकर 30 मिनट से आधे घंटे की देरी से शुरू हुई सदन की कार्यवाही में 12 प्रस्ताव पेश किए गए।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर वर्ष 2020 से 2022 के बीच कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का मुद्दा उठाया।

महापौर ओबरॉय द्वारा सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई ताकि कार्य सूची के अनुसार कार्य किए जा सके। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले की निंदा की और उसमें मारे गए 10 पुलिसकर्मियों व एक आम नागरिक को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट के मौन का आह्वान किया।

बाद में शोर-शराबे के बीच सदन के एजेंडे में शामिल कई विषयों को पारित किया गया और उसके बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

एक अधिकारी ने कहा कि 12 प्रस्ताव सदन में रखे गए जिनमें से 10 को पारित कर दिया गया।

‘आप’ पार्षदों ने सदन को सूचित किया कि टोल कर को लेकर शामिल प्रस्ताव को रोक दिया गया क्योंकि उसमें कुछ बदलाव की जरूरत है।

इस बीच, भाजपा पार्षदों ने नगर निगम सचिव को पत्र लिखकर कर कहा कि ‘‘कोई नहीं जानता कि विषयों का क्या हुआ। सदन की आज की कार्यवाही अमान्य है क्योंकि तय प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया।’’

पत्र में कहा, ‘‘आज विषयों को पारित कराने के लिए अवैध प्रक्रिया अपनाई गई जिसे रद्द किया जाना चाहिए।’’

अन्य विषयों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण प्रबंधन सेवा, लाइसेंस, समुदायिक सभागार और अन्य 25 अहम समितियों के संविधान से जुड़ा था।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 26 तारीख को आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्याशी शैली ओबरॉय के महापौर पद पर फिर निर्वाचित होने के बाद एमसीडी सदन की यह पहली बैठक थी।










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