Agriculture:यूपी के महाराजगंज खेती में मिनी पंजाब,पर कृषि पढ़ाई का कोई इंतजाम नहीं, जानिए यह है वजह

डीएन ब्यूरो

महराजगंज में हाईस्कूल के बाद कृषि की शिक्षा पढ़ाई नहीं होती। जबकि बुद्ध की धरती पर कृषि महाविद्यालय खुले के यहां के युवाओं की तस्वीर बदल जाएगी। उच्च शिक्षा कृषि की पढ़ाई न होने से खेती से युवा पीढ़ी दूर होती जा रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर

गेहूं की लहलहाती फ़सल (फ़ाइल फ़ोटो)
गेहूं की लहलहाती फ़सल (फ़ाइल फ़ोटो)


महराजगंजः खेती के सवाल पर महराजगंज को मिनी पंजाब कहा जाता है। धान गेहूं व मसूर उत्पादन में कई बार यहां के किसानों ने राजधानी तक परचम लहराया है। लेकिन यहां जिले में कृषि स्नातक की पढ़ाई न होने से अगली पीढ़ी खेती से दूर होती जा रही है। हाईस्कूल के बाद यहां कृषि पढ़ाई का इंतजाम नहीं है। गौतम बुद्ध की धरती पर कृषि विश्वविद्यालय खुले तो कृषि के क्षेत्र में युवाओं की तस्वीर बदल जाएगी। सिर्फ गणेश शंकर स्मारक इंटर कालेज में हाईस्कूल तक कृषि की पढ़ाई होती है। 
खेती से दूर हो रही युवा पीढ़ी  
 महराजगंज की धरती सोना उगलती है। 12 ब्लाकों के हर कोने में धान, गेहूं, मसूर व गन्ना की बेहतरीन खेती होती है। खरीफ में 1,65 लाख हेक्टेयर में धान और 1,50 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। गन्ना व सब्जी के मामले में भी यहा के किसान शुमार है। उत्पादन के मामले में कहिए मत। हर फसल की भरपूर उत्पादन भी होता है। लेकिन कृषि की उच्च शिक्षा न मिलने से अगली पीढ़ी खेती में रुचि नहीं ले रही है। कृषि विश्वविद्यालय न होना उनके विकास में बाधा बन गया है। 

पौने चार लाख किसानों का पंजीकरण 
करीब पौने 4 लाख किसानों ने कृषि विभाग में पंजीकरण कराया है। बहुत से ऐसे किसान है जो खेती के सवाल पर कृषि वैज्ञनिकों को मात देते हैं। लेकिन खेती अब तकनीकी हो गई है। उसके लिए उच्च कृषि शिक्षा की सख्त जरूरत है। जो यहां है ही नहीं। पर कृषि शिक्षा के क्षेत्र में अब तक किसी की नजर नहीं पड़ी। इसके चलते हुनर में महारथ हासिल होने के बाद भी किसान कंगाली के दौर से गुजर रहे हैं। 

 सिर्फ हाईस्कूल तक ही होती है कृषि की पढ़ाई 
नगर में स्थित गणेश शंकर स्मारक इंटर कालेज में सिर्फ हाईस्कूल तक ही कृषि विषय की पढ़ाई होती है। इसके बाद युवकों को दूसरे जनपद में कृषि की पढाई के लिए जाना पड़ता है। इसलिए यहां के युवक कृषि की पढाई से दूर होते जा रहे है। 

 क्या बोले जागरूक किसान 
खेती के मामले में जागरूक किसान राकेश पटेल, जनार्दन पटेल सहित तमाम किसानों ने डाइनामाइट न्यूज से कहा कि यहां खेती तो है, लेकिन युवा पीढ़ी करने को तैयार नही है। जबकि उत्पादन के मामले में महराजगंज मंडल ही नहीं बल्कि प्रदेश में स्थान रखता है। लेकिन यहां कृषि उच्च शिक्षा की पढ़ाई न होने से किसानों के विकास में बाधा है। यदि यहां कृषि विश्वविद्यालय खुल जाए तो जहां किसान खेती में रिकार्ड बनाएंगे। वही इनकी अगली पीढ़ी भी खेती करने में रुचि लेगी। 










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