

आज पूरे देश में विजयादशमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन को असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर मनाया जाता है। आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में विजयादशमी के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
नई दिल्ली: आज पूरे देश में दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन को असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर मनाया जाता है। इसी दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतीक माने जाने वाले रावण का वद्ध किया था। दशहरे में रावण के पुतले को भी जलाया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे बुराई रूपी रावण का अंत होता है।
आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में विजयदशमी के बारे में कुछ रोचक बतें बताने जा रहे हैं।
दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है। रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्य बताया था।
एसी मान्यता है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर का वध किया था, जिसे प्रतिकात्मक रूप से अपने अंदर की 10 बुराईयों को खत्म करने से जोड़कर देखा जाता है। पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्याय वो दस बुराईयां हैं।
आपको बता दें कि पहली बार दशहरा मैसूर के राजा के राज में 17वीं शताब्दी में मनाई गई थी। एक और मान्यता यह है कि दशहरा के दिन ही राजा अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया था। इसी दिन डॉ. अम्बेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपनाया था।
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