लखनऊ में बोले पासवान- सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ियों के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार

डीएन संवाददाता

केंद्रीय सार्वजनिक खाद्य वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को वीवीआईपी गेस्ट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गेंहूं की खरीद को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। पूरी खबर..



लखनऊ: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को लखनऊ में वीवीआईपी गेस्ट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सामने आने वाली गड़बड़ियों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल 2018-19 में एफसीआई ने किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया था, जिसमें से 3 लाख से अधिक किसानों से 19 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद अब तक की जा चुकी है। इसकी कीमत किसानों के खाते में सीधे भेजी जा चुकी है।

यूपी में 81 हजार राशन वितरण केन्द्र

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष 2018-19 में गेहूं का समर्थन मूल्य ₹110 प्रति क्विंंटल बढ़ा कर 1735 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। यूपी में कुल लगभग 81 हजार राशन वितरण की दुकानें हैं। जिसमें से 12,529 दुकाने शहरी क्षेत्रों में जबकि 68,578 दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित है। शहरी क्षेत्रों की सभी राशन दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक पीओएस मशीनों से राशन वितरण हो रहा है। ताकि इस योजना में किसी तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राशन की दुकानों में अभी यह प्रक्रिया चल रही है।

12 करोड़ से अधिक फर्जी राशन कार्ड

पीडीएस सिस्टम में सामने आने वाली गड़बड़ियों को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का काम केवल किसानों से खाद्यान्न खरीद कर उनका भंडारण करना भर है। जबकि खाद्यान्नों को उनके पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। पात्र लाभार्थियों के चयन नए, राशन कार्डों के वितरण को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से यूपी सरकार को इस बारे में चिट्ठी लिखी गई है। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से सभी राशनकार्डों को जोड़ने का काम चल रहा है। इस दौरान पूरे देश में 12 करोड़ से अधिक फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए। जिससे सरकार को 17 हजार करोड रुपए की बचत हुई।

मायावती पर निशाना

मायावती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी। तब उन्होंने ही एससी-एसटी एक्ट, प्रमोशन में आरक्षण जैसे कानूनों को कमजोर बनाया था और जब इस समय सत्ता से बाहर है तो झूठा दलित प्रेम का दिखावा कर रही हैं।

दलितों के घर जाकर भोजन करना गलत नहीं

वहीं भाजपा नेताओं द्वारा दलितों के घर जाकर भोजन करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेता पहले भी ऐसा करते रहे हैं। ऐसे में अगर भाजपा नेता दलितों के घर जाकर भोजन कर रहे हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विपक्ष के लोग इसे बेवजह तू दे कर असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।










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