तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पेश, कुछ पार्टियों का विरोध जारी
तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। इस बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया है। लोकसभा में बिल के पेश होने के शीघ्र बाद इस पर बहस होनी शुरू हो गई।
नई दिल्ली: तीन तलाक का प्रस्तावित बिल गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक को सरकार की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा पेश किया गया। जैसे ही ये बिल पेश हुआ वैसे ही संसद में बहस शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट भी तीन तलाक को असंवैधानिक और अमानवीय करार दे चुका है।
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तीन तलाक विधेयक को पास कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी संसद में उपस्थित रहने को कहा है। कांग्रेस पार्टी समेत कुछ दलों ने कुछ सवालों के साथ इस बिल का समर्थन करने की बात कही है। सरकार के इस विधेयक में तीन तलाक पर कम से कम 3 साल का सजा समेत कई प्रावधान किये गये है।
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लोक सभा में पेश किये गये इस बिल का कुछ पार्टियां विरोध भी कर रही है, जिसमें राजद, बीजद और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी प्रमुख है। विपक्षी पार्टियां बिल में सजा के प्रावधान को गलत बता रही है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में तीन तलाक के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस पर 6 महीने की रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए इस मामले में केंद्र सरकार से कानून बनाने को कहा था।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 6 महीने में सरकार मुस्लिमों के लिए तलाक का कानून बनाये और यदि सरकार तीन तलाक पर कानून नहीं बनाती तो रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जजों की बेंच में से 3 ने इसे असंवैधानिक बताया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने कहा था कि तालाक-ए-बिद्दत संविधान के अनुच्छेद 14,15,21 और 25 का उल्लंघन नहीं कर रहा है।