हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में तीन नए न्यायाधीशों ने ली शपथ, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और राकेश कैंथला ने सोमवार को यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में शपथ ली। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के तीन नए न्यायाधीशों ने शपथ ली
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के तीन नए न्यायाधीशों ने शपथ ली


शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और राकेश कैंथला ने सोमवार को यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में शपथ ली।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ममीदन्ना सत्यरत्न श्री रामचंद्र राव, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में नव नियुक्त न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।

तीन और न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

न्यायमूर्ति रंजन शर्मा और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी वकालत करते हैं जबकि न्यायमूर्ति राकेश कैंथला न्यायिक सेवा से हैं।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति वारंट को पढ़ा।

न्यायमूर्ति शर्मा का जन्म 21 अगस्त 1968 को हुआ था और वह कांगड़ा जिले के धर्मशाला के रहने वाले हैं। उन्होंने शिक्षा सरकारी स्कूल धर्मशाला से पढ़ाई की और उन्हें रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्वर्ण पदक मिला।

न्यायमूर्ति शर्मा ने दिसंबर 1991 में वकालत शुरू की और उन्होंने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की। उन्हें मार्च 2019 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता का पद भी संभाला था।

किन्नौर जिले के रहने वाले न्यायमूर्ति नेगी ने अपनी स्कूली शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राष्ट्रीय राजधानी के आरके पुरम में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बी.ए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। उन्होंने 1994 में वकालत शुरू की और उन्हें 2015 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।

वहीं, 23 मई 1968 को शिमला में जन्मे न्यायमूर्ति कैंथला ने अपनी स्कूली शिक्षा शिमला के लक्कड़ बाजार में स्थित डीएवी स्कूल से पूरी की। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई शिमला के गवर्नमेंट कॉलेज से की और फिर शिमला में ही स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की।

उन्होंने 1991 में वकालत शुरू की। न्यायमूर्ति कैंथला ने 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में और 2010 में न्यायिक अधिकारी सीमित प्रतियोगी परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया और उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नति दिए जाने से पहले वह मंडी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात थे।










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