कोर्ट का अजीबोगरीब फरमान, कहा- महिला चीखी-चिल्लाई नहीं तो मतलब नहीं हुआ रेप, कहां का है मामला जानिए
इटली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक अदालत ने रेप आरोपी एक शख्स को इसलिए बरी कर दिया क्योंकि रेप के वक्त पीड़ित मदद के लिए चिल्लाई नहीं थी। कोर्ट के इस फैसले का पूरे इटली में जबर्दस्त विरोध हो रहा है।
इटली: उत्तरी इटली के ट्यूरिन की एक कोर्ट ने 46 वर्षीय आरोपी को केवल इस बिना पर बरी कर दिया क्योंकि अस्पताल की बेड पर रेप के वक्त महिला ने मदद के लिए आवाज नहीं लगाई। ट्यूरिन में एक अदालत ने पिछले महीने यह फैसला सुनाया था। कोर्ट ने महिला का रेप के समय अपने एक पूर्व सहकर्मी को 'Enough (पर्याप्त)' कहना कमजोर प्रतिक्रिया बताई थी। फैसले में कहा गया था कि वह न तो चिल्लाई और न उसने मदद मांगी, जिससे ये साबित नहीं हो सकता की उसका रेप किया गया है।'
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जज यामंते मिनुची ने अपने फैसले में कहा, 'रेप के वक्त न तो महिला चिल्लाई, न रोई। न तो आरोपी को धक्का दिया। हम तो पूछेंगे ही आखिर क्यों?' पीड़िता के वकील ने कहा कि महिला की चुप्पी उसकी दर्दभरी स्थिति को दर्शाती है। कोर्ट के इस फैसले के बाद महिला अधिकार समूहों में काफी रोष है। इटली के न्याय मंत्री आंद्रेया ओरलैंडो ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों को इस केस को फिर से देखने के निर्देश दिए गए हैं।