दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने पर जतायी चिंता, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ के बीच सोमवार को राज्य विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने में ‘प्रक्रियागत खामियों’ को लेकर चिंता जताई।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना


नयी दिल्ली:दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ के बीच सोमवार को राज्य विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने में ‘प्रक्रियागत खामियों’ को लेकर चिंता जताई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसारइस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि उपराज्यपाल संविधान का फिर से अध्ययन करें।

उपराज्यपाल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब दिल्ली आबकारी नीति मामले के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केजरीवाल से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की।

उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सक्सेना ने दिल्ली सरकार को लिखे एक ‘नोट’ में कहा है कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे भाग को आहूत करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि दिल्ली कैबिनेट ने एक-दिवसीय सत्र बुलाने की सिफारिश की है।

नियमावली और अधिनियम के अनुसार, 29 मार्च, 2023 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जा चुके विधानसभा का नया सत्र बुलाने से पहले पुराने सत्र का सत्रावसान करना होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि सत्रावसान नहीं हुआ है, इसलिए नया सत्र नहीं बुलाया जा सकता।

उपराज्यपाल ने अपने नोट में सरकार को सलाह दी है कि वह संबंधित विभाग को सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने और 'एक-दिवसीय सत्र' बुलाने के लिए जीएनसीटीडी अधिनियिम, 1991 की धारा-छह के प्रावधानों के तहत एक उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दे।

उपराज्यपाल ने इस बात का भी उल्लेख किया कि 17 अप्रैल को विधानसभा द्वारा किसी भी प्रस्तावित विधायी कार्य के संचालन का कोई संकेत नहीं था।

उपराज्यपाल के नोट पर प्रतिक्रिया देते हुए, आप के वरिष्ठ नेता और केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'मुझे उपराज्यपाल साहब को बताना चाहिए-यदि सदन अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया गया हो, तो दिल्ली विधानसभा में प्रक्रिया और संचालन नियमावली के नियम 17 के तहत माननीय अध्यक्ष के पास किसी भी समय सदन की बैठक आहूत करने का अधिकार है।’’

उपराज्यपाल के ‘नोट’ पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा बुलाया गया दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार को आयोजित होगा।

मुख्यमंत्री ने सीबीआई कार्यालय से बाहर आने के बाद कहा, ‘‘सत्र कल आयोजित किया जाएगा। मैं चाहता हूं कि उपराज्यपाल साहब फिर से संविधान का अध्ययन करें या वह कोई सलाहकार रखें, जो अच्छी तरह से शिक्षित हो और जिसे इसके बारे में ज्ञान हो।’’

इससे पहले, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सक्सेना के ‘नोट’ को लेकर उन पर निशाना साधा था।

भारद्वाज ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं उपराज्यपाल साहब को बताना चाहता हूं... माननीय अध्यक्ष को दिल्ली विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम 17 के तहत, ‘सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने के बाद’ किसी भी समय सदन की बैठक बुलाने का अधिकार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि प्रचलित संसदीय परंपरा के अनुसार, सदन के अध्यक्ष कैबिनेट की सिफारिश पर ही (सदन का सत्र) आहूत करते हैं। सदन का सत्रावसान नहीं किया गया है और सत्रावसान केवल मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही किया जा सकता है।’’

केजरीवाल ने शनिवार को कहा था कि दिल्ली विधानसभा के आगामी सत्र में एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जिसमें केंद्र से राज्यपालों और उपराज्यपालों को उनके संवैधानिक कार्यों को करने के लिए समय सीमा तय करने का आग्रह किया जाएगा।

 










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