आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल से सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ, आप नेताओं ने किया प्रदर्शन

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आबकारी नीति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को पूछताछ की। इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।

अरविंद केजरीवाल (फ़ाइल)
अरविंद केजरीवाल (फ़ाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आबकारी नीति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को पूछताछ की। इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।

सीबीआई मुख्यालय पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी और पूर्वाह्न 11 बजे वहां पहुंचने से पहले ट्विटर पर पांच मिनट के वीडियो संदेश में केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा ने एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया होगा।

सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद आप प्रमुख को कई विपक्षी नेताओं के एकजुटता संदेश प्राप्त हुए। केजरीवाल ने कहा कि वह आबकारी मामले में एजेंसी द्वारा पूछे गए सवालों का ईमानदारी से जवाब देंगे क्योंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

केजरीवाल पर भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए नाटक करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने उन्हें ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ (झूठ जांचने वाली मशीन से जांच) कराने की चुनौती दी और कहा कि यह बयानबाजी का नहीं, बल्कि जवाबदेही का समय है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर काम करती हैं।

केजरीवाल रविवार सुबह महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट गये। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कुछ कैबिनेट सहकर्मी आप प्रमुख के साथ सीबीआई कार्यालय तक गए।

सीबीआई जब केजरीवाल से पूछताछ कर रही थी तब इस दौरान उन्हें तलब किए जाने के विरोध में आर्चबिशप रोड पर धरना प्रदर्शन कर रहे आप के कई वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली पुलिस ने ‘‘हिरासत’’ में ले लिया।

हिरासत में लिए गए लोगों में आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और कैलाश गहलोत, पार्टी के प्रवक्ता आदिल अहमद खान, महासचिव पंकज गुप्ता तथा पंजाब सरकार के कुछ मंत्री शामिल थे।

चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस ने हमें शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने के कारण गिरफ्तार किया है और वह हमें किसी अज्ञात जगह पर ले जा रही है... यह किस तरह की तानाशाही है?’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ‘केजरीवाल-फोबिया’ से ग्रसित है।’’

हालांकि, धरने में शामिल रहे मान आप नेताओं को हिरासत में लिये जाने से पहले वहां से चले गए थे।

आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, ‘‘विरोध प्रदर्शन करने को लेकर पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है या गिरफ्तार किया है। दिल्ली के 32 विधायकों और 70 पार्षदों को गिरफ्तार किया गया है और पंजाब में आप के 20 विधायकों को दिल्ली की सीमा पर गिरफ्तार किया गया है।’’

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मामले की जांच कर रही सीबीआई के मुख्यालय पहुंचने के बाद केजरीवाल को एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रथम तल के कार्यालय में ले जाया गया।

उन्होंने कहा कि एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए रविवार को कार्यालय में मौजूद रहे और यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

सूत्रों ने बताया कि दिन में केजरीवाल को भोजनावकाश की पेशकश की गई और उन्होंने सीबीआई कार्यालय के बाहर नहीं जाने का फैसला किया।

शाम साढ़े पांच बजे तक पूछताछ जारी रही।

आप नेता मनीष सिसोदिया को इस मामले में करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और अधिकारियों ने कहा था कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

पूछताछ से पहले केजरीवाल ने रविवार को अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मुझे आज सीबीआई ने तलब किया है और मैं ईमानदारी से सभी सवालों का जवाब दूंगा। ये लोग बहुत शक्तिशाली हैं। ये किसी को भी जेल भेज सकते हैं, चाहे उस व्यक्ति ने कोई अपराध किया हो या नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘...मुझे लगता है कि भाजपा ने सीबीआई को आदेश दे दिया है कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाए।’’

इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के नाम पर सत्ता हथियाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया।

रीजीजू ने हजारे के एक पुराने साक्षात्कार के अंश भी साझा किए, जिनमें वह दिल्ली की आबकारी नीति की कथित रूप से आलोचना करते नजर आ रहे हैं।

रीजीजू ने ट्वीट किया, “अब उन्होंने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। मुझे यकीन है कि वह अन्ना जी की भी नहीं सुनेंगे। भ्रष्टाचार एक बहाना था, अन्ना जी और जनता को मूर्ख बनाने का। उन्होंने कहा, “अन्ना जी का इस्तेमाल केवल सत्ता पर कब्जा करने और भ्रष्टाचार के नाम पर संसाधनों को लूटने के लिए किया गया।”

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और कैलाश गहलोत तथा राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक, राघव चड्ढा तथा संजय सिंह समेत पार्टी के शीर्ष नेता सीबीआई मुख्यालय के समीप एकत्र हुए और केजरीवाल से पूछताछ जारी रहने के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की।

पंजाब के मंत्रियों एवं विधायकों समेत कई आप नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया।

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पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी ने दावा किया कि मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा, डॉ. बलबीर सिंह और हरजोत सिंह बैंस तथा विधायक दिनेश चड्ढा और कुलजीत रंधावा समेत अन्य लोगों को सिंघू बॉर्डर पर रोक दिया गया और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने ट्वीट किया, ‘‘हम अपनी राष्ट्रीय राजधानी में भी प्रवेश नहीं कर सकते? दिल्ली पुलिस मेरी कार को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं दे रही है।’’

सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल को बीते शुक्रवार को गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए समन जारी किया था ताकि वह जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर सवालों का जवाब दे सकें। सीबीआई ने इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

उन्होंने कहा कि सीबीआई मुख्यमंत्री से नीति निर्माण प्रक्रिया विशेषकर विशेष रूप से उस फाइल के बारे में पूछताछ कर सकती है जिनका ‘‘पता नहीं लग सका’’ है और जिसे पहले मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा जाना था।

उन्होंने कहा कि एजेंसी केजरीवाल से अन्य आरोपियों के बयानों के बारे में भी पूछताछ कर सकती है, जहां उन्होंने संकेत दिया है कि कुछ शराब कारोबारियों और ‘दक्षिण दिल्ली की शराब लॉबी’ को फायदा पहुंचाने के लिए नीति को कथित तौर पर प्रभावित किया गया था।

इसके अलावा, अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी आबकारी नीति तैयार करने में उनकी भूमिका और व्यापारियों और ‘दक्षिण लॉबी’ के सदस्यों के कथित प्रभाव के बारे में उन्हें क्या कुछ पता था, इसके बारे में भी जांच कर सकती है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल से यह भी पूछा जा सकता है कि क्या वह मंजूरी से पहले नीति निर्माण में शामिल थे या नहीं।

आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ डीलर का पक्ष लिया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, इस आरोप का आप ने खंडन किया था। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा घेरा बढ़ाते हुए सीबीआई मुख्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी थी।

उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों सहित 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात किया गया था और क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 भी लगाई गई थी।

अधिकारियों ने कहा कि राउज एवेन्यू में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल को तलब किए जाने के विरोध में आप कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में यातायात जाम की सूचना मिली।










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