अदालत ने प. बंगाल स्कूल नौकरी घोटाले के आरोपी भद्र को 14 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा

डीएन ब्यूरो

कोलकाता की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को सुजय कृष्ण भद्र की जमानत अर्जी खारिज कर दी जिसे तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का करीबी माना जाता है।

अदालत  (फाइल)
अदालत (फाइल)


कोलकाता: कोलकाता की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को सुजय कृष्ण भद्र की जमानत अर्जी खारिज कर दी जिसे तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का करीबी माना जाता है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुजय कृष्ण भद्र को पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की अपनी जांच के सिलसिले में कथित संलिप्तता के आरोप में मंगलवार रात को गिरफ्तार किया था। अदालत ने भद्र को 14 दिन के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।

विभिन्न सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में की गई कथित अवैध नियुक्तियों की जांच के सिलसिले में भद्र को ईडी ने मंगलवार रात 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

भद्र की जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष अदालत ने एजेंसी के अनुरोध पर उन्हें 14 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।

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न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि भद्र को 14 जून को फिर से अदालत में पेश किया जाए और आरोपी की ईडी हिरासत की अवधि के दौरान हर 48 घंटे में चिकित्सकीय जांच की जाए।

भद्र को कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

ईडी ने 20 मई को कालीघाट के चाचा के नाम से मशहूर भद्र के आवास पर छापा मारा था। भद्र से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की थी, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर कथित भर्ती घोटाले की भी जांच कर रही है।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य और कई अन्य पूर्व अधिकारियों को जांच के सिलसिले में ईडी या/और सीबीआई ने गिरफ्तार किया है और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

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ईडी ने बुधवार को अदालत के सामने दावा किया कि एक अन्य गिरफ्तार आरोपी कुंतल घोष के बयान में भद्र का नाम सामने आया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रहा है, जबकि ईडी स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं में शामिल धन के लेन-देन की जांच कर रहा है।

 










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