बलरामपुर के लोगों की मुहिम लायी रंग, विश्वविद्यालय की मिली सौगात
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में वर्षों से विश्वविद्यालय की बाट जो रहे लोगों को मिली मनचाही खुशी मिली है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बलरामपुर: कई वर्षों से विश्वविद्यालय की राह देख रहे जनपदवासियों का सपना आखिर सच में बदल गया, जब खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यानाथ ने बलरामपुर पहुंचकर क्षेत्रवासियों को सौगात दी।
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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जिले के वरिष्ठ समाज सेवी सर्वेश सिंह ने बलरामपुर जिले में बलरामपुर फर्स्ट नाम की एक ऐसी अलख जलाई जिसने बलरामपुर के लोगों यह बता दिया की कोई भी कार्य असंभव नही होता। बस उसे करने के लिए हौसला और धैर्य की जरूरत होती है। यहां के क्षेत्रवासियों सहित श्रावस्ती जिले के लोगों की भी मांग विश्वविद्यालय बनाए जाने की थी।
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सर्वेश सिंह बताते है कि गोंडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना की घोषणा की। उसी समय यह विचार आया की जब मां पाटेश्वरी देवी शक्ति पीठ बलरामपुर जिले में है तो ऐसे में उनके नाम से बनने वाला विश्वविद्यालय भी यही बनना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इसी विचार से प्रेरणा लेकर "हमें चाहिए विश्वविद्यालय" की मुहिम जिले में शुरू की गई। जिसको हर वर्ग के लोगों ने समर्थन दिया। जनमानस के इस मांग का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मान की और बलरामपुर में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बनाए की घोषणा की। 15 मार्च 2024 वह ऐतिहासिक दिन था जब लंबे समय से चले आ रहे इंतजार को खत्म करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर पहुंच मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय का भूमि पूजन किया।
उन्होंने आगे बताया कि क्षेत्रवासी ईको टूरिज्म बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोहेलवा वन्यजीव अभ्यारण्य विश्व के खूबसूरत जंगलों में एक है। तराई और भांभर जैव भौगोलिक विविधिता को अपने आगोश में समेट सोहेलवा रायल बंगाल टाइगर का प्राकृतवास माना जाता है।
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नेपाल सीमा के समानान्तर 452 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस जंगल का अधिकांश क्षेत्र सेन्चुरी एरिये के रुप में जाना जाता है। जहाँ दुर्लभ वनस्पतियों के साथ दुर्लभ वन्यजीव भी विद्यमान है। चिड़ियाघर में कैंद जानवरों को मुंगफली खिलाकर उत्साहित होने वालों को जंगल की सैर अधिक रोमांचित करती है। ऐसा ही रोमांच पाने के लिए लिए आपको उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले तक आना होगा। यहां जैव विविधता को संजोए सौहेलवा जंगल की खूबसूरत वादियां आपके मन को छू लेंगी।
सोहेलवा पक्षियों की दृष्टि से काफी समृद्ध जंगल है। यहां लगभग 400 प्रजातियां पंक्षियों की पाई जाती है। प्राकृतिक सुंदरता के रूप में विख्यात सोहेलवा एक बार फिर पर्यटन के क्षेत्र में पांव पसार रहा है। यहां लोग हिरन, तेंदुआ, बाघ, भालू समेत अन्य कई प्रजातियों के वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं। साथ ही नेपाल में हिमालय की पर्वत श्रंखला का अलग ही रोमांच मिलता है। टूरिज्म बढ़ने से न सिर्फ यहां रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही प्रकृति के संरक्षण की सीख भी लोगों को मिलेगी।