टाटा स्टील माइनिंग ने इस राज्य में चलाया जागरूकता अभियान, पढ़ें पूरी डिटेल

डीएन ब्यूरो

टाटा स्टील माइनिंग कंपनी ने सांपों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित अपने सुकिंडा क्रोमाइट माइन परिसर में ‘स्नेक्स आर फ्रेंड्स’ (सांप मित्र हैं) अभियान चलाया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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भुवनेश्वर: टाटा स्टील माइनिंग कंपनी ने सांपों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित अपने सुकिंडा क्रोमाइट माइन परिसर में ‘स्नेक्स आर फ्रेंड्स’ (सांप मित्र हैं) अभियान चलाया।

एक अधिकारी ने बताया कि अभियान का उद्देश्य लोगों में सांपों के संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और मनुष्यों एवं सरीसृप जीवों के बीच सह-अस्तित्व के भाव को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि दिनभर चले इस अभियान के तहत सांपों के पारिस्थितिक महत्व और पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस अभियान में कंपनी ने भुवनेश्वर स्थित स्वयंसेवी संगठन ‘स्नेक हेल्पलाइन’ को भी शामिल किया था।

बृहस्पतिवार को आयोजित इस अभियान में लगभग 100 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसके तहत कंपनी के कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों, पंचायती राज संस्थान (पीआरआई) के सदस्यों, पत्रकारों सहित जमीनी स्तर पर काम करने वाले अन्य कार्यकर्ताओं को सांपों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया।

इस अभियान में ओडिशा के ‘स्नेक मैन’ के नाम से मशहूर ‘स्नेक हेल्पलाइन’ के महासचिव और संस्थापक सुभेंदु मलिक ने पर्यावरण में सांपों के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए उनसे जुड़े आम मिथकों और गलत धारणाओं को दूर किया।

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मलिक ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सांपों से निपटने के उचित तरीकों, पेशेवर मदद लेने के महत्व और सांप देखे जाने पर संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचना देने के फायदे के बारे में बताया।

टाटा स्टील माइनिंग के प्रबंध निदेशक, पंकज सतीजा ने कहा, “हम जैव विविधता के संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा के महत्व में विश्वास करते हैं। ‘सांप मित्र हैं’ कार्यक्रम के जरिये हमारा उद्देश्य मनुष्यों और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध को प्रोत्साहित करते हुए एकांतप्रिय प्रजातियों के प्रति गहरी समझ को बढ़ावा देना है।”

उन्होंने कहा कि इस अभियान में नियमित अंतराल पर अलग-अलग समुदायों को शामिल किया जाएगा।










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