Tamil Nadu: 'नेताजी की सैन्य गतिविधियों से देश को आजादी मिली '

डीएन ब्यूरो

तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सैन्य गतिविधियों के कारण सशस्त्र बलों में विद्रोह हुआ जिससे भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नेताजी सुभाष चंद्र बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस


चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने मंगलवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सैन्य गतिविधियों के कारण सशस्त्र बलों में विद्रोह हुआ जिससे भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली और दावा किया कि 1942 के बाद महात्मा गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन ‘बहुत प्रभावी’ नहीं था।

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उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का असहयोग आंदोलन “असफल” हो गया था।

यहां अन्ना विश्वविद्यालय में पराक्रम दिवस के तौर पर मनाई गई बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर रवि ने कहा, “महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन का अंग्रेजों पर प्रभाव ‘न्यूनतम’ था। इसे एटली ने स्वीकार किया था (पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता देने के निर्णय पर हस्ताक्षर किए थे)।”

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार राज्यपाल ने इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के सैनिकों को सम्मानित किया। रवि ने राष्ट्रीय हित में नेताजी पर विस्तृत शोध का आह्वान किया, क्योंकि उनके काम को पर्याप्त रूप से न तो लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था और न ही पर्याप्त रूप से समझा गया। उन्होंने कहा कि निष्कर्षों को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, “मैं कहूंगा कि यदि नेता जी नहीं होते तो भारत 1947 में आजाद नहीं होता क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का असहयोग आंदोलन विफल हो गया जबकि 1942 के बाद महात्मा गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन प्रभावकारी नहीं था।”

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दूसरी ओर, मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग एक अलग देश के लिए लड़ रही थी। उन्होंने कहा, “हम विभाजित थे और अंग्रेज इसका आनंद ले रहे थे क्योंकि 1942 के बाद भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ कोई सार्थक प्रतिरोध नहीं था।”

रवि ने कहा कि बोस के सैन्य प्रतिरोध के अलावा अंग्रेजों को भारत में रहने में कोई समस्या नहीं थी।

इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष के.एस. अलागिरी और वाम दलों ने स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की भूमिका को कमतर आंकने के लिए राज्यपाल की आलोचना की।










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