डीजीपी ने बताया हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने का ये बड़ा आधार
जयपुर में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में चार आरोपियों को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने के कुछ दिन बाद प्रदेश के महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने सोमवार को कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका (एसएलपी) दायर करने का सशक्त आधार है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: जयपुर में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में चार आरोपियों को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने के कुछ दिन बाद प्रदेश के महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने सोमवार को कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका (एसएलपी) दायर करने का सशक्त आधार है।
मिश्रा ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले में पुलिस जांच के बारे में की गई टिप्पणियों का भी विश्लेषण किया जाएगा तथा विभागीय (इंटरनल) ऑडिट की जाएगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में चार आरोपियों को 'घटिया जांच' का हवाला देते हुए बरी कर दिया था।
फैसले में अदालत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश पुलिस प्रमुख ने कहा, 'हमारी तरफ से एसएलपी (विशेष याचिका) दायर करने का प्रस्ताव भेजा गया है और एसएलपी दायर करने का सशक्त आधार है।’’
यह भी पढ़ें |
धार्मिक नाम वाली पार्टियों के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र से चार सप्ताह में मांगा जवाब
उन्होंने कहा, 'माननीय न्यायालय की टिप्पणियों को हमने गंभीरता से लिया है और उनका विश्लेषण कर रहे हैं। अब तक के अनुसंधान तथा पत्रावलियों को नए सिरे से देखा जा रहा है कि अदालत ने जो कमियां बताई हैं वे किस तरह की हैं। जैसे अदालत ने रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी से फुटेज निकालने का बिंदु था, तो उस समय रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी की कवरेज नहीं थी।'
मिश्रा ने कहा, ' उन्होंने जो टिप्पणी की है उसका हम विश्लेषण करेंगे और देखेंगे कि ये कितनी गंभीर थी और ये जानबूझकर की गयी थी या परिस्थितियां ऐसी थी कि इनका कोई निदान नहीं था। हम उसको गंभीरता से लेंगे तथा इंटरनल ऑडिट करेंगे।'
उन्होंने कहा कि जांच का एक भाग चल रहा है और वह खुद जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव भेजा गया है और एसएलपी दायर करने का सशक्त आधार है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 29 मार्च को निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने
यह भी पढ़ें |
सत्येंद्र जैन को हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत याचिका खारिज
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसके साथ ही 'खराब' जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे।