बकरीद का महत्व और बकरे की कुर्बानी की कहानी

डीएन ब्यूरो

बकरीद को इस्लाम में बहुत ही पवित्र त्योहार माना जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहा हैं कि बकरीद का त्योहार क्यों मनाया जाता है और इस दिन बकरे की कुर्बानी क्यों दी जाती है?

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: बकरीद को इस्लाम में बहुत ही पवित्र त्योहार माना जाता है। शनिवार को पूरे देशभर में धूमधाम के साथ बकरीद का त्योहार मनाया जायेगा। रमजान महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिन के बाद बकरीद को मनाया जाता है।
बता दें कि इस्लाम में एक साल में दो तरह की ईद की मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी बकरीद। एक ईद समाज में प्रेम की मिठास घोलने का संदेश देती है। तो वहीं दूसरी ईद अल्लाह के प्रति कर्तव्य के लिए जागरूक रहने का सबक सिखाती है। बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय भारत में अधिकांश जगहों पर बकरों की कुर्बानी देते है। 

क्यों मनाई जाती है बकरीद
इस्लाम के मुताबिक, अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी देने का हुक्म दिया। हजरत इब्राहिम को लगा कि उन्हें सबसे प्रिय तो उनका बेटा है, इसलिए उन्होंने अपने बेटे की ही बलि देना स्वीकार किया।

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हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। खुदा के आदेशानुसार जैसे ही उन्होंने बेटे की कुर्बानी दी, उनके बेटे की जगह एक जानवर आ गया। उन्होंने पट्टी खोली तो बेटा सुरक्षित था। अल्लाह उनकी भावना से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया। तब से इस घटना की याद में बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा।










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