फिर से श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार, जानिये पूरा माजरा
श्रीलंका की नौसेना ने उसकी समुद्री सीमा का कथित रूप से उल्लंघन करने पर तमिलनाडु के नौ मछुआरों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लगातार हो रहीं इस प्रकार की घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
रामनाथपुरम/चेन्नई: श्रीलंका की नौसेना ने उसकी समुद्री सीमा का कथित रूप से उल्लंघन करने पर तमिलनाडु के नौ मछुआरों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लगातार हो रहीं इस प्रकार की घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है।
स्टालिन ने जयशंकर से कहा कि इस प्रकार की घटनाएं ‘‘द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा’’ करती हैं।
मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रामनाथपुरम जिले के मंडपम के रहने वाले मछुआरे सोमवार सुबह मछलियां पकड़ने निकले थे और उन्हें देर रात कच्चाथीवु और नेदुनथीवु के बीच गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई नौसेना ने दो मशीनीकृत नौका भी जब्त की हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना ने कोलंबो में जारी एक आधिकारिक बयान में बताया कि भारतीय मछुआरों को जाफना के डेल्फ्ट द्वीप के निकट सोमवार को गिरफ्तार किया गया।
उसने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना और तटरक्षक ने ‘‘श्रीलंकाई जल क्षेत्र से भारतीय नौकाओं को बाहर करने’’ के लिए सोमवार रात को एक विशेष अभियान चलाया था।
बयान में बताया गया कि इस अभियान के दौरान दो भारतीय नौका जब्त की गईं और नौ भारतीय नागरिक गिरफ्तार किए गए।
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इसमें बताया गया कि जब्त की गई नौकाओं और गिरफ्तार किए गए मछुआरों को कांकेसंथुराई हार्बर लाया गया और उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए मैलाडी मत्स्य निरीक्षक को सौंपा जाएगा।
स्टालिन ने तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद जयशंकर को पत्र लिखकर लगातार हो रहीं इस प्रकार की घटनाओं पर ‘‘गहरी चिंता एवं निराशा’’ जताई। उन्होंने कहा कि नौ लोगों को गिरफ्तार किए जाने की घटना ऐसे समय में हुई है, जब ‘‘मैंने इस पुराने मसले को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने का हाल में अनुरोध किया था।... दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता के बावजूद जमीनी स्तर पर हालात नहीं बदले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से अपील की थी कि वह श्रीलंका के राष्ट्रपति के हमारे देश की यात्रा पर आने के दौरान इस मामले को प्रमुखता से उठाएं। मुझे उम्मीद थी कि यह यात्रा रचनात्मक बातचीत करने और ऐसा एक स्थायी समाधान खोजने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे भारतीय एवं श्रीलंकाई मछुआरों की आजीविका और उनके अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित हो सकेगा।’’
उन्होंने सोमवार रात भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे तमिलनाडु में मत्स्य समुदाय को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
स्टालिन ने जयशंकर से कहा, ‘‘इस प्रकार की घटनाओं से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा होता है और इनके कारण प्रभावित होने वाले परिवारों पर गंभीर सामाजिक-आर्थिक असर पड़ता है। मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करता हूं कि गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई और जब्त की गई नौकाओं की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए। मैं पाक खाड़ी क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकार के मुद्दे का स्थायी और आपसी रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के महत्व पर फिर से जोर देता हूं।’’
तमिलनाडु सरकार ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन अगले महीने यहां मछुआरों के संघों के एक राज्य सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने और उनकी नौकाओं को जब्त किए जाने के मामले पर चर्चा की जाएगी।
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राज्य के मत्स्य पालन मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन ने बताया कि मछुआरों के प्रतिनिधियों के निमंत्रण पर स्टालिन 18 अगस्त को बैठक में भाग लेंगे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में राधाकृष्णन के हवाले से कहा गया कि स्टालिन ने लिखित संवाद और टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मछुआरों के मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने कई बार उठाया है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह भारत यात्रा की थी और इस दौरान उनके एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच वार्ता में मछुआरों के मामले पर भी चर्चा की गई थी।
इस महीने में यह दूसरी बार है, जब श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले, श्रीलंकाई नौसेना ने मछली पकड़ने वाली दो नौका पर सवार 15 भारतीय मछुआरों को नौ जुलाई को गिरफ्तार किया था।