COVID-19 Outbreak: सोनिया, राहुल, प्रियंका ने पैदल घर जा रहे लोगों की स्थिति पर जतायी गहरी चिन्ता

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने के कारण पैदल अपने घर जाने को विवश लोगों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से उन्हें परिवहन सुविधा देकर गन्तव्य तक भेजने या फिर लॉकडाउन की अवधि तक उन्हें आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने के कारण पैदल अपने घर जाने को विवश लोगों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से उन्हें परिवहन सुविधा देकर गन्तव्य तक भेजने या फिर लॉकडाउन की अवधि तक उन्हें आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
 
सोनिया गांधी ने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पैदल सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों को जा रहे लोगों की समस्या पर उनका ध्यान आकर्षित किया और कहा कि सरकार को इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिये।

 

राहुल गांधी ने शनिवार को लोगों से इन कामगारों की मदद करने का आग्रह करते हुए ट्वीट किया, “आज हमारे सैकड़ो भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गाँवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है। इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके, कृपा करके दे। कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की ख़ास अपील करता हूं। जय हिंद।”

 

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “यूपी-बिहार की तरफ पैदल पलायन कर रहे मजदूरों की हालत देखी नहीं जाती। विदेशों में फंसने पर लोगों को घर लाया जाता है। इन मजदूरों की भी घर जाने की इच्छा है। यूपी कांग्रेस ‘हाईवे टास्क फोर्स’ बनाकर इनकी मदद कर रही है, मगर बगैर सरकार के सहयोग के इनकी मदद संभव नहीं है।”
 
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “हज़ारों ग़रीब परिवार सहित यू.पी - बिहार पैदल जाने को मजबूर। कह रहे कोरोना नहीं तो भूख से मर जाएँगे। क्या इतनी बड़ी मानवीय त्रासदी का कोई जवाब नहीं। क्या बसें नही दे सकते जो इन्हें घर छोड़ सके।”(वार्ता)









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