Singapore: भारतीय महिला से मारपीट करना पड़ा चीनी शख्स को भारी, कोर्ट ने दी ये सजा

डीएन ब्यूरो

भारतीय मूल की महिला को नस्ल के आधार पर अपमानित करने और उसके सीने में लात मारने के जुर्म में चीनी मूल के सिंगापुर के नागरिक को सोमवार को तीन महीने के कैद की सजा सुनाई गयी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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सिंगापुर: भारतीय मूल की महिला को नस्ल के आधार पर अपमानित करने और उसके सीने में लात मारने के जुर्म में चीनी मूल के सिंगापुर के नागरिक को सोमवार को तीन महीने के कैद की सजा सुनाई गयी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आरोपी वोंग जिंग फोंग (32) ने सात मई 2021 को भारतीय मूल की महिला मैडम हिंडोचा नीता विष्णुभाई (57) पर चोआ चू कांग आवासीय इलाके में कोविड-19 महामारी के दौरान हमला किया था।

जिला न्यायाधीश सैफुद्दीन सरूवन ने वोंग को 13.20 सिंगापुरी डॉलर का जुर्माना देने का निर्देश दिया और कहा कि सिंगापुर के समाज में नस्ल एवं धार्मिक शत्रुता के घातक परिणाम हो सकते हैं।

न्यायाधीश ने सोमवार को सजा सुनाते हुए कहा कि इस मामले में निवारक सजा सर्वोपरि है। साथ ही न्यायाधीश ने कहा कि वांग ने बेखौफ होकर अपराध को अंजाम दिया और उसे जरा भी पछतावा नहीं है।

मामले की नौ दिन की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति सैफुद्दीन ने जून में वोंग को हमला करने और पीड़िता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दोषी ठहराया। सुनवाई के दौरान वोंग ने आरोपों से इनकार किया।

इस मामले में सात मई 2021 को हुई सुनवाई के दौरान नीता ने अपने बयान में कहा कि वह चोआ चू कांग स्टेडियम में ब्रिस्क वॉक (तेजी से सैर करना) कर रही थी और उसी दौरान उसे किसी के चिल्लाने की आवाज आई, महिला वहीं पर फास्ट फूड रेस्तरां में काम करती थी।

नीता ने अपनी गवाही में कहा कि चिल्लाने की आवाज आने पर उन्होंने मुड़ कर देखा तो वहां वोंग अपनी मंगेतर केचुआ सुन हान के साथ था और नीता को मास्क लगाने के लिए कह रहा था। उस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण चल रहा था और महिला का मास्क स्थान से हट गया था।

उस वक्त मास्क पहनना अनिवार्य था लेकिन खेल कूद और ब्रिस्क वॉक के दौरान इसमें छूट मिली थी।

उप लोक अभियोजक मारकस फू और जोथाथन ली ने बताया कि नीता ने वोंग को बताया कि वह ब्रिस्क वॉक कर रही थी और उसे पसीना निकल रहा था।

उन्होंने बताया कि इसी दौरान वोंग ने महिला के सीने में लात मारी।

अपनी गवाही के दौरान नीता न्यायाधीश के समक्ष रो पड़ीं। नीता ने कहा, ‘‘इस घटना में मुझे भावनात्मक तौर पर प्रभावित किया...मुझे दुख हुआ और डर भी लगा। क्या भारतीय होना गलत है? ऐसा नहीं होना चाहिए था..।’’










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