Sharad Purnima: जानें क्या है शरद पूर्णिमा का महत्व,पूजन विधि और मुहूर्त

आज शरद पूर्णिमा है। यह रात कई मायने में महत्वपूर्ण है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें शरद पूर्णिमा का महत्व और उनसे जुड़ी कुछ खास बातें…

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 October 2018, 10:33 AM IST
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नई दिल्ली: शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खासा महत्‍व बताया गया है। इसे कोजागर पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा से कुछ विशेष दिव्य गुण प्रवाहित होते हैं। इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा व रस पूर्णिमा भी कहा जाता है।

 

आश्विन माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। ऐसी मान्याता है कि इस रात को मां लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर प्रकट होती हैं। इस रात जो मां लक्ष्मी को जो भी व्यक्ति पूजा करता हुआ दिखाई देता है। मां उस पर कृपा बरसाती हैं।

पूर्णिमा तिथि

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को रात 10:38 हो चुकी है।  24 अक्टूबर रात 10:14 बजे ये समाप्त हो रही है।

शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से सभी मनाकामनाएं पूर्ण होते है और व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो विवाहित स्त्रियां व्रत रखती है उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो मां अपने बच्चों के लिए व्रत रखती है तो उनके संतान की आयु लंबी होती है। 

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