India Crime Trends: हर रिश्ता शक के घेरे में, ग्यारवें मिनट में एक कत्ल; जानिए चौकाने वाले आपराधिक आंकड़े

डीएन ब्यूरो

हाल के वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों से पति-पत्नी के बीच बढ़ते कत्ल की खबरें सुनने को मिल रही हैं, जो रिश्तों की पवित्रता पर गंभीर सवाल खड़ा करती हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास रिपोर्ट

जानिए क्यों बढ़ रही है घरेलू हत्याएं?
जानिए क्यों बढ़ रही है घरेलू हत्याएं?


नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी खबरें आ रही हैं, जिनमें पति-पत्नी एक-दूसरे की जान ले रहे हैं। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि इन घटनाओं को सुनते हुए अब समाज में यह सवाल उठने लगा है, “यह हो क्या रहा है?”

यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगभग 50 हजार महिलाओं और लड़कियों की हत्या होती है और इनमें से 60 फीसदी हत्याएं उनके पति या पार्टनर द्वारा की जाती हैं।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल औसतन 250 से ज्यादा महिलाएं अपने पतियों द्वारा किसी ना किसी तरीके से हिंसा का शिकार हो जाती हैं, जबकि लगभग 300 महिलाएं अपने पति को मार देती हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आज हम एक ऐसे दौर में आ गए हैं कि प्यार और रिश्तों में जान देने के बजाय अब वही रिश्ते खुद खून-खराबे का कारण बन रहे हैं। पहले प्यार में दिल टूटते थे, अब दिलों की टूटने पर जान की कीमत चुकानी पड़ती है।

हमारे देश की आबादी लगभग 140 करोड़ है और इस विशाल आबादी के बीच में रोज़-रोज़ कई अपराध हो रहे हैं। जिनमें से पति-पत्नी के रिश्ते अब अक्सर हत्या की घटनाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। घर-घर में हो रही हिंसा पर अब मजाक बनाया जा रहा है और मीम्स चल रहे हैं पर सच्चाई यह है कि यह हिंसा अब हर दूसरे या तीसरे दिन किसी न किसी घर में देखने को मिल रही है।

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खतरनाक मोड़ पर हैं रिश्ते

अब ये सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि सात जन्मों की कसमें खाने वाले पति-पत्नी महज कुछ दिन, हफ्ते या महीनों में एक-दूसरे का खून कर देते हैं? कुछ ऐसा ही हुआ मुस्कान और सौरभ के साथ। मुस्कान ने सौरभ से लव मैरिज की थी, लेकिन सौरभ ने घरवालों से रिश्ता तोड़कर मुस्कान के साथ अपना जीवन बिताने का फैसला किया। लेकिन वह प्यार जो पहले एक मजबूती थी, अब उसकी हत्या का कारण बन गया और सौरभ ड्रम में ढकेल दिया गया। दूसरी मिसाल प्रगति और दिलीप की है, जिनकी शादी घरवालों की रजामंदी से हुई थी। लेकिन 15 दिन बाद प्रगति ने अपने पति दिलीप को सुपारी किलर के जरिए मरवा दिया। ये दोनों उदाहरण साफ दिखाते हैं कि अब रिश्तों का प्यार और विश्वास कहीं खो गया है।

घर में ही हे रहा सबसे ज्यादा खतरा

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आजकल मियां-बीवी के लिए सबसे खतरनाक और घातक जगह वही घर बन गया है, जिसे उन्होंने एक-दूसरे के साथ बसाने के लिए चुना था। आंकड़े बताते हैं कि हर ग्यारवें मिनट में किसी महिला या लड़की की हत्या होती है और इनमें से 60 फीसदी हत्याएं उनके अपने पार्टनर या परिवार के किसी सदस्य द्वारा की जाती हैं। 2023 में दुनिया भर में कुल 51,100 महिलाओं और लड़कियों की हत्या हुई। जिनमें से लगभग 60 फीसदी का कत्ल उनके पार्टनर, पति या किसी फैमिली मेंबर ने किया। इसके साथ ही भारत में भी महिला हत्याओं में इजाफा हुआ है और यह आंकड़ा चिंताजनक है। हालांकि, भारत में इन हत्याओं का सही आंकड़ा नहीं मिलता, लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2022 के आंकड़ों में बताया गया है कि देश में हर 10 में से एक हत्या लव अफेयर या शादी के बाद संबंधों के कारण होती है। 2022 में कुल 28,522 हत्याएं हुईं, जिनमें से 2,821 हत्याएं इन कारणों से हुईं।

रिश्तों में बढ़ती हिंसा और सोशल मीडिया का असर

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पिछले कुछ वर्षों में, खासकर 2010 के बाद पति-पत्नी के रिश्तों और लव अफेयर में होने वाली हत्याओं में तेजी आई है। सोशल मीडिया का असर भी इस बदलाव का कारण माना जा सकता है। जहां रिश्तों में विश्वास की कमी और धोखाधड़ी की घटनाएं आम हो गई हैं। 2015 से 2022 के बीच लव अफेयर और रिश्तों के कारण होने वाली हत्याओं का प्रतिशत बढ़कर 10-11% तक पहुंच गया है। इसके अलावा आत्महत्याओं के मामले भी बहुत बढ़ गए हैं। जहां पति-पत्नी और प्रेमी-प्रेमिकाओं के रिश्तों में तनाव के कारण लोग अपनी जान दे रहे हैं।

समाज की जिम्मेदारी और समाधान

जब हम इस समस्या की जड़ तक जाते हैं, तो यह साफ़ होता है कि रिश्तों में सुधार की आवश्यकता है। समाज को इस मुद्दे पर जागरूकता फैलानी होगी और उन कारणों की पहचान करनी होगी, जो इस बढ़ती हिंसा का कारण बन रहे हैं। परिवारों को यह समझने की जरूरत है कि रिश्तों में पारदर्शिता, समझ और सम्मान बेहद ज़रूरी है। केवल तभी हम इस बढ़ती हिंसा को रोक सकते हैं और घरों को सचमुच सुरक्षित बना सकते हैं।










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