Manipur: पूर्व सीएम के आवास पर रॉकेट से हमला, पुजारी की मौत, 5 घायल

डीएन ब्यूरो

मणिपुर में पूर्व सीएम मैरेम्बम कोइरेंग के आवास पर संदिग्ध उग्रवादियों ने एक रॉकेट दागा है। इस हमले में एक पूजारी की मौत हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

घटनास्थल पर हो रही जांच
घटनास्थल पर हो रही जांच


इंफाल: मणिपुर के बिष्णुपुर (Bishnupur) में पूर्व सीएम मैरेम्बम कोइरेंग (Marembam Koireng) के आवास पर संदिग्ध उग्रवादियों ने एक रॉकेट (Rocket) दागा है। रॉकेट आवास परिसर में गिरा। इसकी जिसकी चपेट में आकर एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गये। मृतक पूजारी है। करीब 70 वर्षीय पुजारी मोइरंग फीवांगबाम लेईकाई के आरके रबेई घर में एक धार्मिक समारोह की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान छत पर गिरे कच्चे रॉकेट के छर्रे से उनकी मौत हो गई।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक पूर्व सीएम मैरेम्बम कोइरेंग का आवास मोइरांग में है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आवास परिसर में शुक्रवार को एक बुजुर्ग व्यक्ति धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी कर रहा था। इस दौरान रॉकेट आकर गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। विस्फोट में 13 वर्षीय लड़की समेत पांच अन्य घायल हुए हैं। 

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इंफाल घाटी में फैली अशांति 
कोइरेंग सिंह के परिजन तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय सेना (Indian National Army) के मुख्यालय से 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं। रॉकेट हमलों से इंफाल घाटी में अशांति फैल गई है। हमले में घायल लोगों में 13 वर्षीय लड़की शेरिना मैरेम्बम भी शामिल है। वहीं अन्य चार कोन्जेनबाम जुगेंद्रो, राजीव उर्फ बोबो, सलाम नानाओ और नगांगोम इबोबी हैं।

बता दें कि रॉकेट जहां गिरा, वहां से इंडियन नैशनल आर्मी यानी आजाद हिंद फौज मुख्यालय की दूरी करीब दो किलोमीटर है। 

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विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रमुख बाजार बंद
इम्फाल घाटी के पांच जिलों में हजारों लोगों ने शुक्रवार को मानव श्रृंखला बनाई और रैलियों में भाग लिया। इसके जरिए लोगों ने मणिपुर (Manipur) में हाल में हुए ड्रोन और अन्य हमलों का विरोध किया। लोगों ने राज्य में चल रहे संघर्ष से निपटने के सरकार के तरीके पर भी असंतोष जताया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रमुख बाजार बंद रहे। सड़कों पर वाहन भी नहीं दिखे।

स्कूल और कॉलेज बंद कराने की मांग 
नागरिकों पर हमले के लिए बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को दोषी ठहराया गया है। संगठन ने मांग की है कि जब तक अधिकारी कानून और व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं कर लेते, तब तक सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए जाये। 










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