सांसदों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है संदर्भ प्रभाग, पढ़ें पूरी डिटेल

डीएन ब्यूरो

संसद में अल्पकालिक चर्चाओं, विधायी और लोक महत्व के विषयों एवं विधेयकों पर अपने विचार रखने के लिए पिछले चार वर्षो में 87 प्रतिशत से अधिक सांसदों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से लोकसभा सचिवालय के संदर्भ प्रभाग द्वारा तैयार संदर्भ सामग्री तथा संसदीय अनुसंधान और सूचना सहायता (प्रिज्म) विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी का उपयोग किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: संसद में अल्पकालिक चर्चाओं, विधायी और लोक महत्व के विषयों एवं विधेयकों पर अपने विचार रखने के लिए पिछले चार वर्षो में 87 प्रतिशत से अधिक सांसदों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से लोकसभा सचिवालय के संदर्भ प्रभाग द्वारा तैयार संदर्भ सामग्री तथा संसदीय अनुसंधान और सूचना सहायता (प्रिज्म) विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी का उपयोग किया।

सूचना एवं संचार केंद्र (आईसीसी) की स्थापना नवंबर 2019 में की गई थी। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि इस अवधि में ऑफलाइन माध्यम से सबसे अधिक जानकारी मांगने वाले सांसदों में लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के विनोद सोनकर, भारत राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि ऑफलाइन माध्यम से सबसे अधिक सूचनाएं मांगने वाले सांसदों में राज्यसभा में भारत राष्ट्र समिति के. के. केशव राव, भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव प्रमुख हैं।

वर्ष 2019 से जून 2023 तक संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने अल्पकालिक चर्चाओं, विधायी और लोक महत्व के विषयों एवं विधेयकों पर विचार रखने एवं विषयों को समझने के लिए ऑफलाइन माध्यम से कुल 17493 बार जानकारी मांगी । इनमें लोकसभा के सदस्यों ने 10,863 और राज्यसभा के सदस्यों ने 6630 संदर्भ एवं जानकारी मांगी।

इस अवधि में दोनों सदनों के सदस्यों ने ऑनलाइन माध्यम से कुल 3393 संदर्भ एवं नोट्स मांगे। इनमें लोकसभा के सदस्यों ने 3026 और राज्यसभा के सदस्यों ने 367 संदर्भ एवं जानकारियां मांगी।

लोकसभा के सदस्यों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से कुल 13,889 संदर्भ मांगे । वहीं राज्यसभा के सदस्यों ने कुल 6997 संदर्भ मांगे एवं जानकारियां मांगी।

वर्ष 2019 से जून 2023 तक करीब चार वर्षो की अवधि में कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद एवं लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ऑफलाइन माध्यम से सबसे अधिक 1102 संदर्भ मांगे। भाजपा के विनोद सोनकर ने ऑफलाइन माध्यम से 214, अजय भट्ट ने 138, गोपालजी ठाकुर ने 148 संदर्भ मांगे।

वहीं, द्रमुक सदस्य टी. आर. बालू ने 157, शिवसेना के विनायक भाऊराव राऊत ने 139, भारत राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव ने 163, आरएसपी के एन. के. प्रेमचंद्रन ने 141, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी. आर. नटराजन ने 136 और वाईएसआर कांग्रेस की गीता वांगा ने 124 संदर्भ मांगे।

वर्ष 2019 से जून 2023 तक ऑफलाइन माध्यम से राज्यसभा के सदस्यों में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 120 संदर्भ मांगे। भारत राष्ट्र समिति के डा. के केशव राव ने 141, कांग्रेस के डा. एल हनुमंथैया ने 110, भाजपा के डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने 120 और राकेश सिन्हा ने 139 संदर्भ मांगे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद सदस्यों को सदन में काम करने में सुविधा प्रदान करने तथा सांसदों को महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से सूचना एवं संचार केंद्र (आईसीसी) की स्थापना नवंबर 2019 में की थी। इसी प्रकार संसदीय अनुसंधान और सूचना सहायता (प्रिज्म) की स्थापना की गई। यह 24 घंटे चलने वाली सेवा है जिसमें सांसदों को अनुसंधान एवं संदर्भ सामग्री तथा विधायी एवं पृष्ठभूमि नोट्स प्रदान किये जाते हैं।

लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया, ‘‘ संसद में 87 प्रतिशत से अधिक सांसदों ने वर्ष 2019 से जून 2023 तक लोकसभा सचिवालय के संदर्भ प्रभाग द्वारा तैयार संदर्भ (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का उपयोग किया।’’

वर्ष 2021-22 के दौरान संसद में जिन प्रमुख विधेयकों को लेकर सदस्यों ने सर्वाधिक संदर्भ मांगे, उनमें किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2021, दिवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक 2021, जैव विविधता संशोधन विधेयक 2021, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021, बहु राज्य सहकारी सोसाइटी विधेयक 2022, वन्य जीवन संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 और ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 शामिल है।

इसके अलावा वर्ष 2021-22 के दौरान नियम 193 के तहत अल्पावधि चर्चा को लेकर भी सदस्यों ने संदर्भ मांगे। इन चर्चाओं के कुछ प्रमुख विषयों में नशीली दवाओं का दुरूपयोग, कीमतों में वृद्धि, खेलों को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन आदि विषय शामिल हैं।










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