रामसहाय यादव बन सकते हैं नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति

डीएन ब्यूरो

नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव शुक्रवार को देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव
नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव


काठमांडू: नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव शुक्रवार को देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।

उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुक्रवार को है जिसमें सांसद हिस्सा लेंगे।

इस पद की दौड़ में शामिल नेताओं में जनता समाजवादी पार्टी के रामसहाय यादव, सीपीएन-यूएमएल की आस्था लक्ष्मी शाक्य, जनमत पार्टी की प्रमिला यादव और ममता झा शामिल हैं।

साझा उम्मीदवार उतारने के सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रयास अंतिम समय में विफल हो गए।

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बुधवार को यहां प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' के आधिकारिक आवास पर हुई राजनीतिक दलों की बैठक बेनतीजा रही।

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मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव के नया उपराष्ट्रपति बनने की उम्मीद है। उन्हें तीन प्रमुख पार्टियों नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओइस्ट सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट समेत सात दलों का समर्थन प्राप्त है।

नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में रहने वाले मधेसी समुदाय के लोगों में ज्यादातर भारतीय मूल के हैं।

इस बीच, प्रमिला यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा करते हुए अपनी पार्टी के उम्मीदवार रामसहाय (52) का समर्थन किया है। निर्वाचन आयोग ने रविवार को उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी, लेकिन प्रमिला की पीछे हटने की घोषणा के बावजूद उनकी उम्मीदवारी को आधिकारिक रूप से वापस नहीं लिया जा सका।

‘‘काठमांडू पोस्ट’’ अखबार की खबर में निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता शालिग्राम शर्मा पौडेल के हवाले से कहा गया है ‘‘शुक्रवार को मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।’’

संघीय संसद की इमारत में ल्होत्से हॉल में मतदान जारी है। संघीय संसद तथा प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों के लिए अलग अलग मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

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सहायक निर्वाचन अधिकारी अमृता कुमारी शर्मा ने ‘‘माई रिपब्लिका’’ वेबसाइट को बताया कि मतदान के कुछ देर बाद मतगणना की जाएगी।

वर्ष 2008 में नेपाल ने संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र व्यवस्था को अंगीकार किया जिसके बाद से यह उपराष्ट्रपति पद के लिए तीसरा चुनाव है।

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का है।

 










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