Rajya Sabha By election: अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से भरा नामांकन
सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोमवार को तेलंगाना से अपना नामांकन दाखिल किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: वरिष्ठ विधिवेत्ता और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जाने-माने अधिवक्ता (Advocate) अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek-manu-singhvi) ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोमवार को तेलंगाना (Telangana) से अपना नामांकन (Nomination) दाखिल किया।
इस मौके पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, तेलंगाना के कांग्रेस प्रभारी दीपा दासमुंशी, राज्य के मंत्री, विधायक, एमएलसी, सांसद और अन्य नेता भी उपस्थित रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस ने 14 अगस्त को तेलंगाना राज्यसभा उपचुनाव (Rajya-sabha-by-election) के लिए सिंघवी को अपना उम्मीदवार (Candidate) घोषित किया।
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पार्टी द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मंजूरी के बाद अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे की मंजूरी के बाद अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर फैसला
नामांकन से पहले रविवार को हैदराबाद के एक होटेल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी हुई। जिसमें अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस विधायकों और पार्टी के नेताओं से मिलवाया गया और राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में उनको पूरा समर्थन देने का फैसला किया गया।
3 सितंबर को होगा मतदान
भारतीय निर्वाचन आयोग तेलंगाना में रिक्त राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा कर चुका है। इस सीट के लिए 3 सितंबर को मतदान होगा।
बता दें कि जिन 12 राज्यसभा सीटों पर 3 सितंबर को चुनाव होने हैं, उनमें एक सीट तेलंगाना की भी है। कांग्रेस नेता सिंघवी 3 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए अब तक नामांकन दाखिल करने वाले पहले और एकमात्र उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस को उम्मीद है कि सिंघवी सर्वसम्मति से राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे। विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पास उम्मीदवार खड़ा करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर केशव राव कांग्रेस में शामिल हो गए। बाद में सदन से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वीकार किया था। वह बीआरएस के लिए साल 2020 से राज्यसभा के सदस्य थे। उनके इस्तीफा देने के बाद यहां की राज्यसभा सीट खाली हो गई। इस खाली सीट पर कांग्रेस ने सिंघवी पर भरोसा जताया है।