Rajnath Singh in Lok Sabha: लोकसभा में राजनाथ सिंह के संबोधन की 5 बड़ी बातें

डीएन ब्यूरो

लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

संसद में संबोधित करते राजनाथ सिंह
संसद में संबोधित करते राजनाथ सिंह


नई दिल्ली: ससंद में आज राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत की। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में शुक्रवार को दो दिवसीय बहस शुरू हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर बहस शुरू करते हुए कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा जैसे संविधान एक पार्टी की देन है। संविधान ने प्रजा को नागरिक बनाया है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी और वीर सावरकर का जिक्र किया, जिस पर विपक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बहस का जवाब देंगे। 

जानें संविधान पर चर्चा की शुरुआत के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा-

1. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान सभा द्वारा तैयार संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।

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2. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूते हुए विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

3. संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को जानबूझकर नकारा गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की गई है। 

4. राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान देश के नागरिकों को अधिकारों और कर्तव्यों का दस्तावेज है, जो उन्हें लोकतांत्रिक देश का नागरिक बनाता है।

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5. स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीयों ने जो सपना देखा था, वह 26 नवंबर 1949 को पूरा हो चुका था। लोग भारत के नागरिक बन चुके थे। उस दिन से भारत में राजा-रानी का शासन और ब्रिटिश तंत्र का राज खत्म हुआ था। जनता का शासन शुरू हुआ था और भारत लोकतंत्र बना था।

 










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