Rajiv Gandhi Birth Anniversary: तस्वीरों में देखिये राजीव गांधी का यह रोचक सफर

डीएन ब्यूरो

आज पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न राजीव गांधी की जयंती है। राजीव गांधी को राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसके बाद भी उन्होंने प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में तस्वीरों के जरिए जानिए राजीव गांधी का रोचक राजनीतिक सफर

राजीव गांधी को नहीं थी राजनीति में कोई रुचि

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में दिलचस्प बात यह है कि उनको राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया और 1984 में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने।

पीएम बनने से पहले पायलट की नौकरी

राजीव गांधी ने राजनीति में आने से पहले वे एयरलाइन पायलट की नौकरी की। 1980 में उनके छोटे भाई संजय गांधी की आकस्मिक मृत्यु के बाद राजीव गांधी ने अपनी माता इंदिरा गांधी के सहयोग के लिए 1981 में राजनीति में कदम रखा।

1981 में मिली चुनावी जीत

राजीव गांधी ने 1981 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और चुनाव जीतकर वे पहली बार सांसद बने थे।

इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद संभाला पीएम का पद

31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली और अगले आम चुनाव में सर्वाधिक बहुमत के साथ प्रधानमंत्री चुने गए।

सूचना क्रांति के जनक

राजीव गांधी को भारत में सूचना क्रान्ति का जनक कहा जाता है। उन्होंने देश में कम्प्यूटराइजेशन व टेलीकम्युनिकेशन क्रान्ति का श्रेय भी प्राप्त है। राजीव गांधी के कार्यकाल में ही मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक की गई थी।

बम धमाके में मौत

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (लिट्टे) नाम के आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों ने चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी के खिलाफ साजिश कर बम विस्फोट किया, जिसमे उनकी मौत हो गई।








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