पीएफआई के खिलाफ जांच: एनआईए ने पुणे के स्कूल की दो मंजिल को कुर्क किया

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र के पुणे में एक स्कूल की इमारत का वह हिस्सा कुर्क किया है, जिसका इस्तेमाल पीएफआई ने एक समुदाय के नेताओं की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने की खातिर किया था।

एनआईए (फ़ाइल)
एनआईए (फ़ाइल)


नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र के पुणे में एक स्कूल की इमारत का वह हिस्सा कुर्क किया है, जिसका इस्तेमाल पीएफआई ने एक समुदाय के नेताओं की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने की खातिर किया था।

एनआईए ने एक बयान में कहा कि ब्लू बेल स्कूल की चौथी और पांचवीं मंजिल की कुर्की रविवार को की गई। बयान में कहा गया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) निर्दोष मुस्लिम युवकों को संगठन में ‘‘भर्ती’’ कर रहा था और उन्हें 2047 तक देश में इस्लामी शासन की स्थापना का विरोध करने वालों को खत्म करने एवं हमला करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करता था।

एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियों तथा राज्य पुलिस विभागों द्वारा पीएफआई के कई पदाधिकारियों के खिलाफ छापा मारने और गिरफ्तार किए जाने के बाद पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था तथा इसे ‘‘गैरकानूनी संगठन’’ घोषित कर दिया गया था।

यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत की गई है। कार्रवाई पिछले साल अप्रैल में पीएफआई के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है और इस साल मार्च में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था तथा एनआईए ने पीएफआई सहित 20 संगठनों को नामजद किया था।

बयान में कहा गया, ‘‘एनआईए ने पिछले साल 22 सितंबर को स्कूल परिसर की दो मंजिल की तलाशी ली थी। एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे, जिनसे पता चला था कि उक्त संपत्ति का इस्तेमाल पीएफआई से जुड़े आरोपियों द्वारा अपने कैडर के लिए हथियार प्रशिक्षण में किया गया।’’

एनआईए ने कहा, ‘‘प्रशिक्षण शिविरों ने निर्दोष मुस्लिम युवाओं को सरकार, साथ ही एक विशेष समुदाय के नेताओं और संगठनों के खिलाफ भड़काने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।’’

एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि नए भर्ती किए गए पीएफआई कैडर को भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की संगठन की विचारधारा का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं पर ‘‘हमला करने और हत्या’’ करने के लिए चाकू, दरांती जैसे खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया गया था।










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