RBI Retail Direct Scheme: पीएम मोदी ने लॉन्‍च की RBI रिटेल डायरेक्‍ट स्‍कीम, जानिये इसके बारे में

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आरबीआई (RBI) की कस्‍टमर सेंट्रिक पहल के तहत शुरू की गई दो योजनाओं का शुभारंभ किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इन योजनाओं समेत पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें

पीएम मोदी ने लॉन्‍च की RBI रिटेल डायरेक्‍ट स्‍कीम
पीएम मोदी ने लॉन्‍च की RBI रिटेल डायरेक्‍ट स्‍कीम


नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कस्‍टमर सेंट्रिक पहल के तहत शुरू की गई दो योजनाओं को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिये लॉन्‍च किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना की शुरुआत का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि रिटेल डायरेक्‍ट स्‍कीम के आने से निवेशकों के बड़े वर्ग को निवेश का एक और प्‍लेटफॉर्म मिल गया है। छोटे निवेशक इससे ज्‍यादा लाभान्वित होंगे। वहीं एकीकृत लोकपाल योजना ग्राहकों के हितों की रक्षा करने वाली है।

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इस मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें और जानिये इन योजनाओं के बारे में।

1) अमृत महोत्सव का ये कालखंड, 21वीं सदी का ये दशक देश के विकास के लिए बहुत अहम है। ऐसे में RBI की भी भूमिका बहुत बड़ी है। मुझे पूरा विश्वास है कि टीम RBI, देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी।

2) Retail direct scheme से देश में छोटे निवेशकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में इंवेस्टमेंट का सरल और सुरक्षित माध्यम मिल गया है। इसी प्रकार, Integrated ombudsman scheme से बैंकिंग सेक्टर में One Nation, One Ombudsmen System ने आज साकार रूप लिया है।

3) आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उससे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मार्केट्स को Access करना, निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुरक्षित बनेगा।

4) बीते 7 सालों में, NPAs को पारदर्शिता के साथ Recognize किया गया, Resolution और recovery पर ध्यान दिया गया, पब्लिक सेक्टर बैंकों को Recapitalize किया गया, फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए।

5) बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए Co-operative बैंकों को भी RBI के दायरे में लाया गया। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों depositors हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।

6) बीते सालों में देश के banking सेक्टर में, financial sector में Inclusion से लेकर technological integration और दूसरे reforms किए हैं, उनकी ताकत हमने कोविड के इस मुश्किल समय में भी देखी है। सरकार जो बड़े-बड़े फैसले ले रही थी, उसका प्रभाव बढ़ाने में RBI के फैसलों ने भी मदद की।

7) जिन लोगों पर इन सुविधाओं को गरीब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। बल्कि बदलाव ना हो इसके लिए भांति-भांति के बहाने बनाए जाते थे। कहा जाता था-बैंक ब्रांच नहीं है, स्टाफ नहीं है,इंटरनेट नहीं है, जागरूकता नहीं है,ना जाने क्या-क्या तर्क होते थे। 

8) पिछले 6-7 साल पहले तक भारत में बैंकिंग, पेंशन, इंश्योरेंस, ये सबकुछ एक exclusive club जैसा हुआ करता था। देश का सामान्य नागरिक, गरीब परिवार, किसान, छोटे व्यापारी-कारोबारी, महिलाएं, दलित-वंचित-पिछड़े, इन सबके लिए ये सब सुविधाएं बहुत दूर थीं।

9) UPI ने तो बहुत ही कम समय में डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है। सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है। आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है।

10) हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को RBI निरंतर सशक्त करता रहेगा।










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