DN Exclusive: क्या यूपी के सबसे बड़े माफिया मुख्तार अंसारी को बचा रही है पंजाब सरकार? जानिये सारा सच

डीएन ब्यूरो

पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली माफिया कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी को यूपी में कई मामलों में तलब किया जा रहा है, लेकिन वह यूपी आने से बच रहा है। डाइनामाइट न्यूज की इस पड़ताल में जानिये इस पूरे मामले को

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)


प्रयागराज: पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफिया मुख्तार अंसारी को क्या यूपी आने पर क्या “गाड़ी पलटने” का डर सता रहा है? या फिर राजनीतिक कारणों से पंजाब सरकार उसे बचा रही है? इस तरह के सवाल अब हवा में तैरने लगे हैं।

यूपी से वारंट पर डिप्रेशन में डॉन 

बता दें कि इस माफिया डॉन पर यूपी में कई मामलों में शिकंजा कसा जा रहा है और वारंट जारी होने के वह पंजाब में डिप्रेशन में चला गया है। बताया जाता है कि पंजाब के डॉक्टरों ने उसे तीन महीने का बेड रेस्ट करने को कहा है। गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसी मामले में अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए यूपी पुलिस रोपड़ पहुंची थी, लेकिन पुलिस टीम खाली हाथ लौट आई। अब चर्चा है कि मेडिकल ग्राउंड पर उसे तीन महीने तक यूपी नहीं ले जाया जा सकता।

पंजाब मेडिकल बोर्ड की टीम बनी रक्षक

यूपी के प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध बी वारंट भी जारी हुआ। बी वारंट के आधार पर यूपी सरकार मुख्तार अंसारी को वापस प्रदेश की जेल में लाना चाहती थी लेकिन पंजाब के मेडिकल बोर्ड की टीम अंसारी के लिए रक्षक बनकर खड़ी हो गई है।

तीन महीने का बेड रेस्ट

पंजाब सरकार के मेडिकल बोर्ड में शामिल रोपण (रूपनगर) सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. पवन कुमार, सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा और स्पेशल मेडिसिन के डॉ. राजीव अग्रवाल की तरफ से मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई है। इस मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार अंसारी मधुमेह और अवसाद जैसी बीमारी से ग्रसित हैं इस कारण से उन्हें 3 महीने का बेड रेस्ट मिलना ही चाहिए।

मुख्तार समेत 22 अभियुक्त तलब

प्रयागराज के अलावा यूपी के आजमगढ़ जिले में भी इस माफिया के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है। एक तरफ जहां मुख्तार व उसके सहयोगियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जा रही है तो वहीं पुराने मामलों की भी पुलिस पड़ताल चल रही है। एसपी के निर्देश पर तरवां थाना क्षेत्र में हुई हत्या में मुख्तार समेत उसके आठ सहयोगियों पर गैंगेस्टर के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ है। मामले में गैंगेस्टर कोर्ट ने 22 को मुख्तार समेत अन्य नामजद अभियुक्तों को तलब किया है। 

माफिया मुख्तार की जान को खतरा?

मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश के एमपी एमएलए कोर्ट में 3 माह तक मुख्तार के पेश ना होने की स्थिति में हाजिरी माफी स्वीकार करने की अपील कर सकते हैं। वहीं समूचे घटनाक्रम में मुख्तार अंसारी के खेमे के अधिकांश लोग चुप्पी साध लिए हैं। जबकि कुछ लोगों का दबी जुबान में कहना है कि वारंट बी के बाद उत्तर प्रदेश की जेल में आने पर मुख्तार अंसारी की जान को खतरा है।

यूपी पुलिस का शिकंजा

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों मुख्तार अंसारी के गिरोह के लोगों पर एक के बाद एक यूपी पुलिस द्वारा शिकंजा कसा गया है। इस दौरान बहुत सारे अवैध निर्माणों को उठाया गया एवं अवैध रूप से चल रहे कार्यों को पूर्णविराम लगा दिया गया है।

जेल अधीक्षक और अधिकारियों को पत्र

माना जा रहा है कि यूपी में कई मामलों में वांछित यह माफिया योगी सरकार और यूपी पुलिस से बेहद डरा हुआ है। उसे इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं यूपी जाने पर उसकी गाड़ी पलट न जाए, इसलिये भी वह तमाम वजहों को आधार बनाकर यूपी में तलब होने से बच रहा है। ऐसे में अब गैंगेस्टर कोर्ट ने मुख्तार समेत अन्य अभियुक्तों को 22 अक्तूबर को कोर्ट में तलब किया है औऱ इसके लिये कोर्ट ने रोपड़ के जेल अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों को भी पेशी के बाबत पत्र भेजा है। 

अब यह देखना दिलचस्प होगा की आखिर कोर्ट के इस पत्र का जबाव पंजाब के जेल अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी किस तरह देते हैं। इस बात के भी कयास लगाये जा रहे हैं कि अधिकारी एक बार फिर मेडकल रिपोर्ट का सहारा ले सकते हैं।    
 










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