प्रचंड ने चीन यात्रा के दौरान शी चिनफिंग की सुरक्षा पहल का समर्थन करने से इनकार किया
इस समय चीन की यात्रा कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने जाहिर तौर पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सुरक्षा संबंधी मत का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। हालांकि दोनों देशों ने अपनी सीमा का संयुक्त निरीक्षण करने की सहमति जताई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बीजिंग/काठमांडू: इस समय चीन की यात्रा कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने जाहिर तौर पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सुरक्षा संबंधी मत का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। हालांकि दोनों देशों ने अपनी सीमा का संयुक्त निरीक्षण करने की सहमति जताई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक प्रचंड की शी और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से वार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में शी द्वारा प्रस्तावित वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) का ही उल्लेख किया गया है, लेकिन उनके दो अन्य सिद्धांतों- वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) तथा वैश्विक संस्कृति पहल (जीसीआई) का कोई उल्लेख नहीं है।
प्रचंड की ली से वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘नेपाली पक्ष चीन द्वारा प्रस्तावित जीडीआई का समर्थन करता है और जीडीआई के मित्र समूह में शामिल होने पर विचार करेगा।’’
आठ दिवसीय चीन यात्रा में प्रचंड ने इससे पहले 23 सितंबर को हांगझोऊ में एशियाई खेलों से इतर शी से मुलाकात की थी।
अपनी चीन यात्रा से पहले प्रचंड ने कहा कि संयुक्त सुरक्षा की वकालत करने वाला जीएसआई भारत, चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक संतुलन बनाये रखने के लिहाज से नेपाल के हित में नहीं है।
नेपाल से मिली खबरों के अनुसार प्रचंड ने शी की नयी पहल जीएसआई और जीसीआई का समर्थन करने से परहेज किया है, वहीं जीडीआई का समर्थन किया है।
काठमांडू पोस्ट की सोमवार की खबर के अनुसार चीन के हांगझोऊ शहर के लिए रवाना होने से पहले प्रचंड ने न्यूयॉर्क में कांतिपुर अखबार को दिये साक्षात्कार में सुरक्षा संबंधी गठजोड़ में नेपाल के शामिल होने की संभावना को साफतौर पर खारिज कर दिया था।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने साक्षात्कार में चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव (बीआरआई) के संदर्भ में कहा कि चीन जिन तीन पहल की शुरुआत कर रहा है, उनमें से जीडीआई में शामिल होने में कोई संकोच नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम सुरक्षा संबंधी मुद्दों में नहीं पड़ सकते। हमारी स्पष्ट नीति है कि किसी भी पक्ष में नहीं रहें। हमारी गुट-निरपेक्ष विदेश नीति है।’’