पीएम पोषण योजना: स्कूली छात्रों को भोजन में अब मिलेंगा सहजन, साग, फलियां

डीएन ब्यूरो

स्कूली छात्रों में लौह, खनिज की कमी से निपटने के लिए ‘पीएम पोषण योजना’ के तहत मिलने वाले भोजन में अब सहजन, पालक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ‘‘साग’’ एवं ‘‘फलियां’’ आदि को शामिल किया जा सकता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: स्कूली छात्रों में लौह, खनिज की कमी से निपटने के लिए ‘पीएम पोषण योजना’ के तहत मिलने वाले भोजन में अब सहजन, पालक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ‘‘साग’’ एवं ‘‘फलियां’’ आदि को शामिल किया जा सकता है।

शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एल एस चांगसन ने 14 जून को राज्यों के अतिरिक्त सचिवों, मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों तथा पीएम पोषण शक्ति निर्माण के अनुपालन के शीर्ष निकायों को लिखे पत्र में यह सुझाव दिया है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘ मैं आपका ध्यान राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-20) की ओर दिलाना चाहता हूं जिसमें यह बात सामने आई है कि 32 प्रतिशत बच्चे कम वजन वाले है और 67 प्रतिशत बच्चों में किसी न किसी स्तर पर रक्ताल्पता (अनिमिया) है। ये आंकड़े भविष्य की पीढ़ी के लिए गंभीर है और आपके तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है।’’

पीएम पोषण योजना में रूचिकर एवं पोषक भोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि टूटा गेहूं, टूटा चावल, मोटा अनाज, निर्धारित मात्रा में दाल, मौसमी हरी पत्तेदार सब्जी तथा कुछ मात्रा में खाद्य तेल एवं मसाले से भोजन पोषक और स्वास्थ्यवर्द्धक बनता है । कई तरह के खाद्य पदार्थो के संयोग से तैयार भोजन रुचिकर बनता है और ऐसे खाने के छात्रों की रुचि बनी रहती है।

इसमें कहा गया है कि भोजन को रुचिकर, पोषक एवं सम्पूर्ण बनाने के लिए खाने के व्यंजनों की सूची का डिजाइन पोषण विशेषज्ञों, छात्रों के अलावा माता पिता के समूहों के साथ विचार विमर्श करके तैयार किया जा सकता है।

इसमें कहा गया कि छात्रों की पसंद और स्थानीय भोजन को ध्यान में रखा जाना चाहिए तथा तिमाही आधार पर भोजन में शामिल सब्जियों और दालों की समीक्षा की जा सकती है। इसमे कहा गया कि छात्रों के स्वाद और स्वीकार्यता को ध्यान में रखा जाना चाहिए और रसोइया एवं उनके सहयोगियों के प्रशिक्षण को ध्यान में रखना जरूरी है।

पत्र में शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव चांगसान ने कहा, ‘‘ मैं आपसे इन बातों पर विचार करने का आग्रह करता हूं ताकि छात्रों को दैनिक आधार पर पोषक, स्वादिष्ट एवं गर्म पका भोजन सुनिश्चित किया जा सके।’’

इसमें कहा गया कि छात्रों के लिए खाना तैयार करने में स्थानीय व्यंजनों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए । हरे पत्तेदार सब्जी का उपयोग काफी महत्वपूर्ण होता है जिससे रक्ताल्पता को कम करने में मदद मिलती है।

इसमें कहा गया कि छात्रों के भोजन में सहजन, पालक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ‘‘साग’’ को भी शामिल किया जा सकता है जो बच्चों के खाने में लौह तत्व के अच्छे स्रोत होते हैं और इससे उन्हें अधिक पोषक तत्व मिलेंगे। भोजन में फलियां शामिल करने से स्कूली बच्चों में अच्छी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और खनिज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी ।

पत्र में स्कूलों की पोषण वाटिका के महत्व पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया कि पोषण वाटिकाओं में सब्जियां उगाने में स्कूली बच्चों को शामिल करने के बहु आयामी प्रभाव पड़ते हैं। इससे बच्चो सब्जियां उगाना सीखते हैं, साथ ही उनमें कौशल विकास होता है तथा सामूहिकता एवं स्वामित्व बोध होता है।

पीएम पोषण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत एक प्रमुख केंद्र पोषित योजना है जिसके दायरे में 10.84 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 12 करोड़ बच्चे आते हैं।

पत्र में कहा गया कि परियोजना मंजूरी बोर्ड की वित्त वर्ष 2023-24 की बैठकों के कार्यवृत से स्पष्ट हुआ है कि कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम पोषण योजना के तहत भोजन के व्यंजनों की सूची पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है क्योंकि इसका स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।

पीएम पोषण योजना को लेकर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा गया है कि भोजन के व्यंजनों की सूची में योजना के तहत खाद्य एवं पोषण मानदंडों के अनुरूप फोर्टिफायड खाद्यान्न, दाल, पत्तेदार हरी सब्जी, मसाले, तेल आदि शामिल किये जाएं ताकि छात्रों की मानसिक वृद्धि और विकास के लिए इससे निर्धारित कैलोरी के रूप में प्रोटीन और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।










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