भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने संबंधी आदेश वापस लिया गया
सत्तारूढ़ वामपंथी प्रशासन ने यहां उच्च न्यायालय को बताया कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे से केरल की राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ‘टी’ शाखा को छूट देने संबंधी एक सरकारी आदेश को रद्द कर दिया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: सत्तारूढ़ वामपंथी प्रशासन ने यहां उच्च न्यायालय को बताया कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे से केरल की राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ‘टी’ शाखा को छूट देने संबंधी एक सरकारी आदेश को रद्द कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने केरल उच्च न्यायालय को बताया है कि उसने पिछले साल जनवरी में अपने 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके द्वारा राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ‘टी’ शाखा, एक खुफिया और सुरक्षा संगठन को आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, जनवरी 2016 के सरकारी आदेश को चुनौती देने संबंधी ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स’ और आम आदमी पार्टी की दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष यह दलील दी गई।
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वकीलों के निकाय और राजनीतिक दल ने दलील दी थी कि राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ‘टी’ शाखा एक सुरक्षा संगठन या खुफिया एजेंसी नहीं है और यह विशुद्ध रूप से लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए एक जांच इकाई है।
याचिकाओं में कहा गया था कि राज्य सरकार की असल मंशा जनता को राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अपने ही मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच किए गए मामलों के बारे में जानकारी हासिल करने से रोकना था।
वहीं राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि 2016 के आदेश को जनवरी 2022 में रद्द कर दिया गया था।
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सरकार की दलीलों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने कहा कि वह दलीलों के गुण-दोष पर ध्यान नहीं देगी और याचिकाओं का निपटारा कर दिया।