UP: लखनऊ के अस्पतालों छापेमारी, बिना डॉक्टर और लाइसेंस के चल रहे थे हॉस्पिटल, OT में बीयर, लोगों के जीवन से खिलवाड़

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कहने को तो राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं का हब है लेकिन यहां के निजी अस्पतालों की जो करतूत सामने आयी है, उसने सभी को हैरान कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

अस्पतालों की कई खामियां उजागर
अस्पतालों की कई खामियां उजागर


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कहने को तो पूरे राज्य के लिये स्वास्थ्य सेवाओं का हब है, जहां बेहतर इलाज की उम्मीद लिये हर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। लेकिन लखनऊ के निजी अस्पतालों की जो काली करतूत सामने आयी है, उसने हर किसी को हैरान कर दिया है। यहां के निजी अस्पतालों में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है। कई अस्पताल तो बिना पंजीकरण और डॉक्टर के संचालित होते पाये गये। कुछ अस्पतालों के ऑपरेशन थियेटर के फ्रिज में बीयर की बोतले पाईं गई। इन अस्पतालों में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने वाली बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। 

सोमवार को जिला प्रशासन ने राजधानी लखनऊ के निजी अस्पतालों में छापेमारी की। प्रशासन की 6 टीमों ने एक साथ 45 निजी अस्पतालों पर छापेमारी की। डीएम अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर करीब 2 दर्जन अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक टीमों ने औचक निरक्षण किया। दौरान टीम को एक निजी अस्पताल के ओटी वार्ड से फ्रिज में रखी बीयर बरामद हुई। छापेमारी के दौरान किसी अस्पताल में जांच टीम को डॉक्टर नहीं मिले तो किसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दवा की जगह बीयर की बोतलें मिली। 

छापेमारी में पाया गया कि लखनऊ में चल रहे कई निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर मनमानी और मानकों की अनदेखी कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। छापेमारी के दौरान ज्यादातर अस्पतालों के पास लाइसेंस ही नहीं मिला, किसी का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था तो किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे। एक अस्पताल में बीएससी पास युवक मरीजों का इलाज कर रहा था। प्रशासन ने सभी अस्पतालों को नोटिस जारी किया है। 

तुलसी एंड ट्रामा सेंटर पर छापेमारी के दौरान वहां चार आईसीयू बेड थे, लेकिन डॉक्टर नहीं थे। यहां ओटी के फ्रिज में बीयर की बोतलें रखी मिलीं। लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म हो गई थी। जिलाधिकारी ने कड़ी कार्रवाई की संस्तुति करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह मेडिप्लस एंड ट्रॉमा सेंटर के लाइसेंस की वैधता भी खत्म मिली। 

लक्ष्य कैंसर अस्पताल का लाइसेन्स 30 अप्रैल 2021 को खत्म हो चुका है, इसके बाद से इसका नवीनीकरण ही नहीं हुआ है। इस अस्पताल में 20 बेड की स्वीकृति थी, जब कि इसके सापेक्ष जांच में 31 बेड पाए गए। जांच दल को अस्पताल के रिकार्ड में भी इलाज और मरीजों से जुड़ी कई खामियां मिली।

मॉडर्न हॉस्पिटल मैटरनिटी एंड ट्रामा सेंटर में तीन आईसीयू के बेड मिले, लेकिन एक्स-रे व इमरजेंसी की सुविधाएं नही थीं। यहां डॉक्टर नहीं मिले, स्टॉफ नर्स के पास नर्सिंग की डिग्री तक नहीं थी। इसी तरह न्यू एशियन हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में डॉक्टर नहीं थे और बीएससी डिग्रीधारक अस्पताल मालिक प्रेम कुमार वर्मा खुद ही मरीजों का इलाज करते मिले।

छापेमारी के बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने 29 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि अगर अस्पताल मैनेजमेंट ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। 










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