अब जेल में नहीं बजेगी रिंगटोन,अवैध मोबाइल इस्तेमाल अवरुद्ध के लिए लगेंगे वर्ल्ड क्लास जैमर

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में अवैध और अनधिकृत टेलीफोन संचार से निपटने के तरीके सुझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अब जेल में नहीं बजेगी रिंगटोन
अब जेल में नहीं बजेगी रिंगटोन


नयी दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में अवैध और अनधिकृत टेलीफोन संचार से निपटने के तरीके सुझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति को एक महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि इस समिति में आईआईटी-मद्रास, आईआईएससी-बेंगलुरु, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों के अलावा खुफिया ब्यूरो और विशेष सुरक्षा समूह के अधिकारी भी शामिल हैं।

राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति जेल परिसर में ‘इनकमिंग/आउटगोइंग कॉल, एसएमएस और डेटा’ सेवाओं को अवरुद्ध करने के लिए (मौजूदा बुनियादी ढांचे के अतिरिक्त) बाजार में उपलब्ध उपयुक्त ‘जैमर’ की प्रभावशीलता का पता लगाएगी।’’

उन्होंने बताया कि 2008 से 2012 के बीच तिहाड़ और रोहिणी जेलों में 31 ‘मोबाइल फोन जैमर’ लगाए गए थे, जो 2जी और 3जी सेवाओं को अवरुद्ध करने में कारगर थे। हालांकि, 4जी सेवाओं की शुरुआत के बाद ये कारगर नहीं रहे।

परिणामस्वरूप, नवंबर 2016 के बाद इन 31 जैमर के वार्षिक रखरखाव अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया गया।










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