एनआईए ने बिहार के 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल मामले में तीन राज्यों के आठ ठिकानों की तलाशी ली

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को तीन राज्यों में छापेमारी की।

एनआईए(फाइल)
एनआईए(फाइल)


नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 'गजवा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को तीन राज्यों में छापेमारी की।

एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र के नागपुर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और गुजरात के वलसाड, सूरत और बोटाड जिलों में स्थित आठ संदिग्धों के घरों की तलाशी ली गई और डिजिटल उपकरणों (मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड) और अन्य दस्तावेज सहित 'आपत्तिजनक' सामग्री को जब्त किया गया।

यह मामला पिछले साल जुलाई में बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में 'ग़ज़वा-ए-हिंद' मॉड्यूल के सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ। इस मॉड्यूल को पाकिस्तान से 'संचालित और नियंत्रित' किया जा रहा था।

एनआईए ने बताया कि एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा शुरू किए गए व्हाट्सएप ग्रुप 'गजवा-ए-हिंद' के 'एडमिन' मरघूब अहमद दानिश उर्फ ​​ताहिर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

एजेंसी ने जनवरी में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

एजेंसी के मुताबिक, दानिश ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'गजवा-ए-हिंद' के समूह बनाए थे।

उसने ने बताया कि दानिश ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए 'बीडीगज़वा-ए-हिंदबीडी' नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था।'

एजेंसी ने कहा, 'मरघूब ने इन समूहों में भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन के कई लोगों को जोड़ा था।'

एनआईए के मुताबिक इस मॉड्यूल का उद्देश्य हिंसक तरीकों से भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था।

एनआईए ने बताया कि इस समूह के सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए 'स्लीपर सेल' में बदलने के उद्देश्य से कट्टरपंथी बनाया जा रहा था।










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