विदाई भाषण में बोले प्रणब मुखर्जी- संसद में कम कामकाज देश के लिये चिंताजनक
संसद में आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फेयरवेल का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति के फेयरवेल में पीएम मोदी समेत दोनों सदनों के सदस्य मौजूद रहे।
नई दिल्ली: देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए आज संसद के सेंटर हॉल में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। विदाई भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भावुक हो उठे। उन्होंने संसद में बढ़ते गतिरोध पर चिंता जताते हुए कहा कि जब संसद में किसी व्यवधान की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती तो लगता है कि देश के लोगों के साथ गलत हो रहा है। उन्होंने कहा कि संसद में कम कामकाज चिंता का विषय है।
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संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत दोनों सदन के सदस्य समेत कई नेता मौजूद रहे। सोमवार को प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल का आखिरी दिन है और नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ लेंगे।
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प्रणब मुखर्जी के भाषण की मुख्य बातें
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राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी 20 साल पुराने मित्र
1. संसद में पक्ष और विपक्ष में बैठते हुए मैंने समझा कि सवाल पूछना और उनसे जुड़ना कितना जरूरी है
2. मैंने बहुत से बदलाव देखे, हाल ही में जीएसटी का लागू होना भी गरीबों को राहत देने की दिशा में बड़े कदम का उदाहरण है
3. जब संसद में किसी व्यवधान की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती तो लगता है कि देश के लोगों के साथ गलत हो रहा है
4. संसद में 37 साल का सफर 13वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद खत्म हुआ था, फिर भी जुड़ाव वैसा ही रहा
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5. संसद में कम हो रहा कामकाज चिंता का विषय
6. संसद में मेरा करियर इंदिरा गांधी से प्रभावित रहा
7. संसद ने मेरी सोच को आकार दिया
8. संविधान एक अरब से ज्यादा भारतीयों की उम्मीदों का प्रतीक
9. संसद के कामकाज में व्यवधान से विपक्ष को ज्यादा नुकसान