Land For Job Case: लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी समेत 6 आरोपियों को कोर्ट से मिली जमानत

डीएन ब्यूरो

लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों समेत 6 लोगों को दिल्ली की कोर्ट ने रेगूलर जमानत दे दी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कोर्ट में पेशी के लिए जाते लालू यादव
कोर्ट में पेशी के लिए जाते लालू यादव


नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब केस में बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट में इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दे दी है। 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव के परिवार के सदस्यों समेत कुल 6 लोगों ने जमानत के लिए अर्जी दी थी। 

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने आरोपियों को उनके खिलाफ जारी समन के अनुपालन में अदालत में पेश होने के बाद यह राहत दी।

कोर्ट में जाते बिहार के डिप्टी सीएमं तेजस्वी यादव

अदालत ने 22 सितंबर को लालू, राबड़ी, तेजस्वी और अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद उन्हें तलब किया था और कहा था कि साक्ष्य 'प्रथम दृष्टया' भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी सहित विभिन्न अपराधों को अंजाम दिए जाने की तरफ इशारा करते हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित घोटाले के संबंध में तीन जुलाई को आरोप पत्र दायर किया था।

यह जांच एजेंसी द्वारा मामले में दायर किया गया दूसरा आरोप पत्र था। हालांकि, यह पहला आरोप पत्र था, जिसमें तेजस्वी यादव को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

लालू नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले के साथ-साथ चारा घोटाला से जुड़े मामलों में भी जमानत पर बाहर हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है, जिसके बदले में आवेदकों ने राजद सुप्रीमो के परिजनों या सहयोगियों के नाम पर भूमि उपहार में दी थी या हस्तांतरित की थी।

जांच एजेंसी ने 18 मई 2022 को लालू, उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों व निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू, राबड़ी और अन्य के खिलाफ मामले में पहला आरोप पत्र दायर किया था। यह रेलवे के मुंबई मुख्यालय वाले सेंट्रल जोन में की गई नियुक्तियों से संबंधित था।










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